29 नवम्बर को ही शिवराज सिंह चौहान बने थे मुख्यमंत्री, ये रिकॉर्ड हैं अब उनके नाम
चार बार मध्य प्रदेश में सीएम पद संभालने वाले शिवराज सिंह इकलौते मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले तीन-तीन बार अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं

- गजेन्द्र इंगले
भोपाल। 29 नवंबर 2005 को शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। अब कमलनाथ सरकार गिराने के बाद जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो यह उनका यह चौथा कार्यकाल है। चार बार मध्य प्रदेश में सीएम पद संभालने वाले शिवराज सिंह इकलौते मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले तीन-तीन बार अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
2018 के चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री की कुर्सी गवानी पड़ी। लेकिन कमलनाथ सरकार के कई सिंधिया समर्थक विधायक सिंधिया के कहने पर भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा को बहुमत मिल गया और भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान पर फिरसे भरोसा दिखाया। इस तरह शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। 1969 में नरेशचंद्र सिंह को महज 13 दिन के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। सबसे अधिक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम दर्ज हो गया है।
बात यदि 2005 की करें तो उस समय बाबूलाल गौर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। 29 नवंबर 2005 को भी इसी तरह की सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार प्रदेश के मुखिया के रूप में शपथ ली थी। जब पहली बार शिवराज सिंह चौहान सीएम चुने गए थे। उस दौरान मध्य प्रदेश में 12वीं विधानसभा का कार्यकाल चल रहा था। पहली बार सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ही गृह जिले सीहोर की बुदनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। बुदनी विधानसभा के तत्कालीन विधायक रहे राजेन्द्र राजपूत ने सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए अपनी विधानसभा सीट छोड़ी थी। तब से लेकर लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान बुदनी विधानसभा से विधायक बनते आ रहे हैं।


