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शिवराज ने राधामोहन से मुलाकात कर कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में प्रदेश के दो केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और थावरचंद गहलोत के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात की

शिवराज ने राधामोहन से मुलाकात कर कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में प्रदेश के दो केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और थावरचंद गहलोत के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात कर कृषि संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कल हुई इस मुलाकात के दौरान जी.आई. बासमती के संबंध में केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि कृषि मंत्रालय इस संबंध में अपना मत तथ्यों के अध्ययन के बाद केन्द्र सरकार को देगा।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री सिंह ने इस दौरान नैफेड के अधिकारियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आगामी 10 अप्रैल से चना, मसूर और सरसों को खरीदने के निर्देश दिये। साथ ही कृषि उपज मंडियों के लिए सर्वेयर शीघ्र नियुक्त किये जाने के भी निर्देश दिये।

केन्द्रीय मंत्री ने प्रति कृषक एक दिन में विक्रय करने की सीमा 25 हजार को भी समाप्त किया।इसके पहले मुख्यमंत्री ने श्री सिंह को बताया कि विशेष प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में दलहन का बम्पर उत्पादन हुआ है, जिससे कीमतों में भारी गिरावट आई है और किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है।

राज्य शासन ने इस समस्या से निपटने भावांतर भुगतान योजना शुरू की है। श्री चौहान ने बताया कि इस योजना पर राज्य सरकार ने अभी तक 1700 करोड़ रूपये अपने संसाधनों से खर्च किये हैं, किंतु अभी तक इस योजना का केन्द्रांश (50 प्रतिशत) नहीं मिल पाया है।

श्री चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया कि चना, मसूर एवं सरसों का उर्पाजन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आगामी 10 अप्रैल से 31 मई तक नैफेड द्वारा किया जाय।

श्री चौहान ने प्रदेश की 257 कृषि उपज मंडियों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा सर्वेयर नियुक्त करने का भी आग्रह किया। बम्पर उत्पादन को देखते हुए श्री चौहान ने कृषि मंत्री से प्रति कृषक एक दिन में विक्रय करने की सीमा 25 क्विंटल को समाप्त करने की भी मांग की।

साथ ही उपार्जित मात्रा की 90 प्रतिशत राशि को तत्काल भुगतान करने का आग्रह किया। श्री चौहान ने उपार्जित चना, मसूर और सरसों के भंडारण के लिए 30 किलोमीटर की तय सीमा को बढ़ाकर 80 किलोमीटर की सीमा में वेयर हाउसिंग के गोदामों में भंडारण करने की अनुमति देने का आग्रह किया।


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