शिवराज ने संविदा कर्मियों के साथ धोखा किया : कमलनाथ
मध्यप्रदेश सरकार के अध्यापकों को शिक्षक बनाने संबंधी फैसले को अध्यापकों के संघर्ष की जीत बताते हुए कमलनाथ ने संविदा कर्मचारियों को नियमित न किए जाने को उनके साथ धोखा करार दिया है

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के अध्यापकों को शिक्षक बनाने संबंधी फैसले को अध्यापकों के संघर्ष की जीत बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संविदा कर्मचारियों को नियमित न किए जाने को उनके साथ धोखा करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण न कर ढाई लाख संविदा कर्मचारियों के साथ धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने कई बार नियमितीकरण को लेकर उन्हें आश्वस्त किया और झूठे वायदे किए। इस आश्वासन और झूठे वायदे पर संविदाकर्मी नियमितीकरण की मांग पूरी होने का इंजतार कर रहे थे, लेकिन कैबिनेट में नियमित करने की मांग मंजूर नहीं हुई और गोल-मोल निर्णय लेकर उनके साथ छल किया गया है।
कमलनाथ ने अध्यापकों को स्कूल शिक्षा विभाग में शामिल किए जाने के निर्णय पर कहा, "मैं अध्यापकों के संघर्ष और जज्बे को सलाम करता हूं। अध्यापक लोग सरकार के जुल्म और धमकियों के आगे नहीं झुके। आखिर मुख्यमंत्री को यह मानना पड़ा कि अध्यापक देश का भविष्य हैं और उनके संविलियन की मांग जायज है। लेकिन अफसोस है कि मुख्यमंत्री ने पूर्व में अध्यापकों की मांग नहीं मानी और हमारी अध्यापिका बहनों को मुंडन तक कराना पड़ा था।"
कमलनाथ ने मांग की, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन में हुई बहुत देरी के लिए अध्यापक भाइयों और बहनों से माफी मांगना चाहिए।"


