Top
Begin typing your search above and press return to search.

शिवाजी की शौर्य रथ यात्रा का शुभारंभ, शैक्षणिक संस्थानों में शिवाजी के शौर्य का बोध कराएगी

छत्रपति शिवाजी महाराज अपने समय के एक प्रभावशाली और कुशल प्रशासक थे

शिवाजी की शौर्य रथ यात्रा का शुभारंभ, शैक्षणिक संस्थानों में शिवाजी के शौर्य का बोध कराएगी
X
ग्वालियर। छत्रपति शिवाजी महाराज अपने समय के एक प्रभावशाली और कुशल प्रशासक थे। शिवाजी महाराज को आज याद करने की बहुत जरूरत है। यदि हम शिवाजी को ना भूले होते तो हम अंग्रेजों के गुलाम नहीं बनते। आज देश जागरण की प्रक्रिया से गुजर रहा है। ऐसे में हमें शिवाजी को जानने, सुनने, पढऩे और उनका अनुकरण करने की जरूरत है।
Yatra.jpg
यह शौर्य रथ यात्रा छत्रपति शिवाजी की शौर्य गाथाओं को लेकर ग्वालियर महानगर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जाएगी और हमें उनके शौर्य का बोध कराएगी। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत के प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर ने जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही।

य़ह है यात्रा का उद्देश्य

इससे पहले 350 वां वर्ष हिंदवी स्वराज्य समारोह समिति ग्वालियर के तत्वावधान में शिवाजी शौर्य रथ यात्रा का शुभारंभ श्री इंदापुरकर एवं समिति के प्रांत सह सचिव श्याम प्रजापति ने सिटी सेंटर स्थित शिवाजी स्मारक में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण कर किया। यह रथ यात्रा जीवाजी विवि के गालव सभागार पहुंची।
Shaurya Rath Yatra.jpg
यहां बता दें कि यह यात्रा शिवाजी महाराज की शौर्य गाथाओं को लेकर शहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में एक अक्टूबर तक पहुंचेगी। जहां छत्रपति शिवाजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला जाएगा। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी, विशेष अतिथि कुलसचिव अरुण चौहान, कार्य परिषद सदस्य विवेक भदौरिया एवं श्याम प्रजापति थे।

ऐसा था शिवाजी महाराज का तेज

मुख्य वक्ता श्री इंदापुरकार ने कहा कि खुशी का विषय है कि अब हम स्व को भूलने के दौर से निकलकर स्व को जानने की ओर अग्रसर हैं। शिवाजी की राजस्व व्यवस्था अनुकरणीय थी। वह जनता से आमदनी के हिसाब से कर वसूलते थे। शिवाजी भले ही देश के एक क्षेत्र पर राज्य करते थे लेकिन उनका दृष्टिकोण अखिल भारतीय था। वह अपने राज्य तक सीमित नहीं थे। वह टेक्नोलॉजी सीख कर अपने यहां बनाने पर जोर देते थे। मेक इन इंडिया का आइडिया उन्हीं से लिया गया होगा। वह रणनीति में निपुण थे।
inaugurated.jpg
चाहे वह युद्धनीति हो, वाणिज्यनीति हो, करनीति हो या राजनीति कोई भी क्षेत्र उनसे अछूता नहीं था। शिवाजी का विकास मॉडल आज तक का सबसे श्रेष्ठ विकास मॉडल है। हमें अपनी गौरव गाथाओं के साथ आगे बढऩे की जरूरत है और आगे इसलिए नही बढऩा है क्योंकि हमें विश्व गुरु बनना है बल्कि इसलिए बढऩा है ताकि विश्व में सुख, शांति, समृद्धि स्थापित की जा सके। कार्यक्रम का संचालन समिति के सह सचिव सत्येन्द्र दुबे ने किया

य़ह रहेगा रथ यात्रा का रूट

समिति के सचिव संजीव गोयल ने बताया कि सोमवाार को यह शौर्य रथ यात्रा जीवाजी विवि के बाद आईआईटीटीएम परिसर पहुंची, जहां इसका स्वागत विद्यार्थियों ने भारत माता की आरती के साथ किया। मंगलवार को यह यात्रा कृषि महाविद्यालय से प्रारंभ होकर एलएनआईपीई, एमआईटीएस, वीआरजी कॉलेज पहुंचेगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it