शिव जैसी उदारता किसी और देवी-देवता में नहीं: राधा किशोरी
ग्राम छिबर्रा मे आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन हजारो श्रद्धालुओं को शिव विवाह प्रसंग मे कथा सुनाते हुए

पिथौरा। ग्राम छिबर्रा मे आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन हजारो श्रद्धालुओं को शिव विवाह प्रसंग मे कथा सुनाते हुए कथा वाचिका साध्वी सुश्री राधा किशोरी ने कहा शिव जैसी उदारता दुनिया के किसी और देवी-देवता में नही है। शिव को आशुतोष कहते हैं यानी तुरंत प्रसन्न हो जाने वाला। जब भी कोई राक्षस तपस्या में जुटता था, इंद्र के कान खड़े हो जाते थे।
देवराज बाकी देवताओं के साथ मिलकर बाकायदा लॉबीइंग करते थे, कि भोलेनाथ किसी राक्षस को वरदान ना दे। लेकिन देने के मामले में शिव ने कभी भेद नहीं किया। भक्त चाहे ईश्वर हो या राक्षस, जिसने मांगा उसे मिला, चाहे वो भस्मासुर ही क्यों ना हो। अमृत औरो में बांटा और विष खुद पी गये। भला कहां होगा पूरा दुनिया में कोई ऐसा दूसरा। सामूहिकता शिव का एक और गुण है, जो बहुत कम देवी-देवताओं में है।
संकल्प और प्रतिज्ञा मे निहित बुनियादी अंतर को प्रतिपादित करते हुए साद्धवीं ने कहा कि संकल्प को गुप्त रखना चाहिए। किसी को बताना नही चाहिए। जबकी प्रतिज्ञा को भुल कर भी छिपाना नही चाहिए। प्रवचन मे विभिन्न प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि अपने वारिसानो को अपनी विरासत सहज ही नही देना चाहिए। बल्कि ईमानदारी के साथ अर्थोपार्जन के महत्व से नई पीढी को अवगत कराया जाना चाहिए।
कथा का आयोजन दोपहर बाद 3 बजे से शाम 7 बजे 22 मई तक आयोजीत है। अत: सभी श्रद्धालुओं से अपिल है कि अधिक से अधिक संख्या मे पहुच कर पुण्य के भागी बने।


