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शिवसेना यूबीटी से गठबंधन को लेकर मनसे कोई संदेश देने के बजाय रखेगी सीधी बात : संदीप देशपांडे

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाओं पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मनसे कोई संदेश देने के बजाय सीधी बात रखेगी

शिवसेना यूबीटी से गठबंधन को लेकर मनसे कोई संदेश देने के बजाय रखेगी सीधी बात : संदीप देशपांडे
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मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के वरिष्ठ नेता संदीप देशपांडे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की चर्चाओं पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मनसे कोई संदेश देने के बजाय सीधी बात रखेगी।

संदीप देशपांडे ने कहा कि साल 2014 और 2017 में मनसे ने शिवसेना (उद्धव गुट) को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर स्वयं मातोश्री गए थे, लेकिन मुलाकात तक नहीं हो सकी। शिवसेना के कुछ नेता बयानबाज़ी कर रहे हैं, लेकिन असल में वे सिर्फ "ट्रेडमिल पर दौड़" लगा रहे हैं, आगे नहीं बढ़ रहे। अगर वाकई गठबंधन करना है, तो खुले तौर पर बात करें, पजल मत बनाएं।

देशपांडे ने आगे कहा, "लोग पहले भी चाहते थे कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आएं, चाहे लोकसभा हो या विधानसभा। लेकिन जब हमने कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला। अब अगर कुछ ठोस होगा, तो हम देखेंगे कि क्या सामने आता है।"

उन्होंने आगे कहा कि राज ठाकरे की शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं से व्यक्तिगत दोस्ती है, वे चाय पर मिलते हैं और एक-दूसरे के घर भी जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई राजनीतिक रिश्तेदारी बन रही है। यह सिर्फ दोस्ती है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।

मीठी नदी घोटाले को लेकर चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर भी देशपांडे ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि यह घोटाला पिछले 25 सालों से चर्चा में है, लेकिन अचानक ईडी की सक्रियता बढ़ने का कारण समझ से परे है। घोटाला निश्चित रूप से बड़ा है। कुछ राजनीतिक पार्टियों के नाम भी इसमें जुड़ रहे हैं। अब देखना है कि जांच में क्या सामने आता है।

वहीं शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने मीठी नदी की सफाई के नाम पर हुए घोटाले पर पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधा। संजय निरुपम ने कहा कि मीठी नदी की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद किए गए हैं। वर्षों तक मातोश्री के राज में यह भ्रष्टाचार चलता रहा। हाल ही में आदित्य ठाकरे के करीबी माने जाने वाले एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस ने पकड़ा है, जो सफाई में लगी मशीनों की सप्लाई करने वाली कंपनियों और दलालों से जुड़ा था। ईडी इस पूरे घोटाले की जांच कर रही है और संभव है कि आने वाले दिनों में इसकी आंच आदित्य ठाकरे तक भी पहुंचे। अब यह घोटाला केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि गंभीर आर्थिक अपराध का मामला बन गया है।


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