शीघ्र ही पूरा शहर जगमगाएगा एलईडी से
बिलासपुर ! शहर में स्ट्रीट लाईट के लिए एलईडी लाईट लगाए जा रहे हैं। 23 सौ एलईडी लग चुकी है। तीन माह में शहर के हर खंभे में एलईडी लाईट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

हर महीने नगर निगम के बचेंगे 75 लाख
दिल्ली की कंपनी को मिला है ठेका
एक की कीमत 22 सौ, क्षमता 50 हजार घंटे की
बिलासपुर ! शहर में स्ट्रीट लाईट के लिए एलईडी लाईट लगाए जा रहे हैं। 23 सौ एलईडी लग चुकी है। तीन माह में शहर के हर खंभे में एलईडी लाईट लगाने का लक्ष्य रखा गया है। एलईडी लाइट लगाने का ठेका दिल्ली की कंपनी को दिया गया है।
एलईडी लाईट बजाज कंपनी की लगाई जा रही है। एक एलईडी की कीमत 22 हजार रुपए है। इसकी
क्षमता 50 हजार घंटे की है। निगम प्रशासन पुराने स्ट्रीट लाइटों का उपयोग कहां करेगा इसके बारे में विचार चल रहा है। जब एलईडी लाईट लग जाने के बाद प्रतिमाह 25 प्रतिशत ही बिजली का बिल आएगा। जबकि निगम प्रशासन को स्ट्रीट लाईट से वर्तमान में बिजली बिल एक करोड़ आ रहा है। बिजली बिल केवल 25 लाख हो जाएगा। एईडी से बिजली की खपत बहुत कम हो जाएगी।
7.5 करोड़ का स्ट्रीट लाइट बिल है बकाया
निगम प्रशासन को एलईडी लाईट से बिजली के बिल में बड़ी राहत मिलेगी निगम प्रशासन को स्ट्रीट लाईट का ही बिल साढ़े सात करोड़ का भुगतान बिजली विभाग को करना है। एलईडी से रोशनी भी दुगनी रहेगी। आम जनता को भी पर्याप्त रोशनी के कारण बड़ी राहत मिलेगी।
शहर के स्ट्रीट लाईट में 17 हजार एलईडी लाईट केन्द्र सरकार द्वारा लगाई जा रही है। शहर के स्ट्रीट लाईट में अभी तक 23 सौ एलईडी लग चुकी है। तीन माह में पूरा शहर एलईडी से जगमगाने लगेगा। लाईट लगाने का कार्य दिल्ली का कंपनी को दिया गया है। एक एलईडी लाईट का लागत 22 सौ इसमें करोड़ों का खर्च ताएगा। अभी जो स्ट्रीट लाईट लगे हैं उनकी रौशनी अधिक नहीं होने के कारण लोगों को रात में वाहन चलाने में काफी परेशानी होती है। इसमें बिजली की खपत भी अधिक होती है।
पुरानी लाईट के उपयोग की योजना नहीं बनी
केन्द्र सरकार द्वारा शहर में 17 हजार एलईडी लाईट लगाया जा रहा है। दिल्ली की कंपनी को इसका ठेका दिया गया है। 28 सौ लाईटें लगा चुकी है पुरानी स्ट्रीट लाईट को क्या किया जाएगा, इसकी योजना नहीं बनी है।
सुब्रत कर
सहायक अभियंता
नगर निगम
बिजली की काफी बचत होगी
एलईडी लाईट लगाने से 75 प्रतिशत बिजली की खपत कम होगी। निगम प्रशासन को 25 प्रतिशत बिजली बिल का भुगतान करना होगा। इससे बिजली की खपत कम होती है।
एस डी तैलंग
अधीक्षण अभियंता
सिटी सर्किल बिजली विभाग


