शारदा चिटफंड: रमेश गांधी की जमानत याचिका पर केंद्र को नोटिस
उच्चतम न्यायालय ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले के एक आरोपी रमेश गांधी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शारदा चिटफंड घोटाला मामले के एक आरोपी रमेश गांधी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने मीडिया कारोबारी रमेश गांधी की नियमित जमानत याचिका की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया तथा उसे दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दलील दी कि शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही देश की मुख्य जांच एजेंसी ‘केंद्रीय जांच ब्यूरो’ का उनके मुवक्किल को घोटाले का ‘किंगपिन’ बताना सत्य से परे है।
सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता लंबे समय से हिरासत में है और अभी तक उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू नहीं हुई है। इसलिए रमेश गांधी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने श्री सिंह की दलीलों का पुरजोर विरोध किया।
नटराज ने यह कहते हुए याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों का विरोध किया, “वह (याचिकाकर्ता) कई लेनदेन में शामिल रहा है और उसने भी राशि हासिल की है। उसने सम्पूर्ण घोटाले में मुख्य सूत्रधार की भूमिका निभाई है।”
इसके बाद न्यायालय ने श्री नटराज से पूछा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ और क्या-क्या आरोप हैं, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। इस पर न्यायालय ने मामले की सुनवाई चार मई तक के लिए स्थगित कर दी और सरकार को उस दिन तक जवाब देने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने घोटाले में कथित संलिप्तता का पता चलने के बाद रमेश गांधी को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि रमेश गांधी शारदा चिटफंड कंपनी के मालिक सुदीप्त सेन का नजदीकी सहयोगी था। वह शारदा समूह के कॉरपोरेट विभाग को संभालता था।
शारदा चिटफंड कंपनी ने अपनी योजनाओं के माध्यम से आम जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई से 2500 करोड़ रुपये संग्रहित किये थे और जब भुगतान की बारी आई थी तो कंपनी ने हाथ खड़े कर दिये थे।
इसके बाद शीर्ष अदालत के आदेश से शारदा चिटफंड सहित देश की कई पोंजी बचत योजना कंपनियों के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई थी।


