शारदा और घाघरा के कहर से 45 गॉंव संपर्क मार्ग से कटे
उत्तर प्रदेश में सीतापुर के गांजरी क्षेत्र में घाघरा और शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 45 गांव संपर्क मार्ग से कट गये हैं
सीतापुर। उत्तर प्रदेश में सीतापुर के गांजरी क्षेत्र में घाघरा और शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से 45 गांव संपर्क मार्ग से कट गये हैं। आधिकारिक सूत्रों ने अाज यहां बताया कि क्षेत्र में 45 गांवों के 250 मजरों में आवागमन के रास्तों पर पानी भर गया है जिससे वहां के निवासियों को तहसील प्रशासन ने ऊँचे स्थानों पर शरण दिलाई है।
उपजिलाधिकारी बिसवां दीपेन्द्र यादव ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को 400 तिरपाल बांटे गये हैं। अभी और तिरपाल बांटे जाएँगे। दोनों नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोत्तरी से रेऊसा ब्लाक के कई मजरों का सम्पर्क नावों के सहारे हो रहा है।
लोधपुरवा, मरैली, बिल्लरपुरवा, लालापुरवा, दुर्गापुरवा, परमेश्वरपुरवा,जंगलटपरी,फौजदारपुरवा,पासिनपुरवा, नई बस्ती,भादिम्मरपुरवा,मेऊडी छोल्हा,ताहपुर,बजहा,पकौड़ी,रंडा कोदर,सीपतपुर,पालपुर,राजापुर,बैज्वारी,मुजेहना, खानी हुसैनपुर आदि गाँवों के संपर्क मार्गों पर पानी भरा है। यहाँ लोग सड़कों के किनारे अपना डेरा डाले हैं। लगातार बारिश से उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीडितो को खाद्यान सामग्री अभी नहीं उपलब्ध करायी गयी है। जिनके पास भोजन की व्यवस्था है उनके पास ईंधन की समस्या आ गयी है। लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उन्हें दो वक़्त की रोटी मिलना मुश्किल है। पशुओं के चारे की समस्या बढ़ रही है। संक्रामक रोगों से उपचार के लिए मेडिकल टीम एवं राजस्व कर्मियों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। ग्राम प्रधानों को किसी भी आपात स्थिति की सूचना तहसील कंट्रोल रूम को देने के निर्देश दिए गये हैं।
उपजिलाधिकारी बिसवां ने बाढ़ ग्रस्त तहसील क्षेत्र में लापरवाही बरतने वाले दो प्रशिक्षु लेखपालों को कल निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि अज्जेपुर और गोविंदपुर के प्रशिक्षु लेखपालों अजय पटेल और जुगुल किशोर को बिसवां भूलेख कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है इन पर राशन कार्ड सत्यापन एवं फसली ऋण माफ़ी योजना सम्बन्धी कार्यों में रूचि ना लेने का आरोप है। ये दोनों बाढ़ क्षेत्र की चौकी से अधिकारीयों के निरीक्षण में अनुपस्थित मिले थे।


