शरद यादव राज्यसभा के नेता पद से निष्कासित
बिहार में जेडीयू के बीजेपी के साथ आने पर बागी तेवर अपनाने वाले शरद यादव पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता शरद यादव को राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया है
बिहार। बिहार में जेडीयू के बीजेपी के साथ आने पर बागी तेवर अपनाने वाले शरद यादव पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता शरद यादव को राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया है। हालांकि जेडीयू ने उन्हें पार्टी से नहीं निकाला है। लेकिन अटकले ये भी लगाई जा रही है कि अगर शरद यादव ने विरोधी सुरों को अभी भी नहीं दबाया तो पार्टी बड़ा फैसला लेने से नहीं चूकेगी।
बिहार में एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद जिस तरह से शरद यादव बगावत के रास्ते चल रहे हैं उससे साफ हैं कि जेडीयू उनपर कार्रवाई के मूड में है, इसी कड़ी में आज शरद यादव पर पहली कार्रवाई करते हुए उनकी राज्यसभा में नेता पद से छुट्टी कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि जेडीयू के सात राज्य सभा, दो लोक सभा सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने सुबह दस बजे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर पार्टी की ओर से सौंपा जिसमें लिखा था कि शरद यादव की जगह आरसीपी सिंह राज्यसभा में संसदीय दल के नेता होंगे।
वेंकैया नायडू की स्वीकृति के बाद शरद यादव को राज्यसभा में नेता पद से हटा दिया गया इसके अलावा नीतीश के फैसले पर लगातार सवाल उठाने पर शरद यादव को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है।पार्टी सर्वसम्मति से नीतीश को फैसला लेने के लिए अधिकृत करेगी।
आपको बता दें कि राज्यसभा में जेडीयू के दस सांसद हैं इनमें अली अनवर निलंबित किए जा चुके हैं, केरल के एमपी वीरेंद्र कुमार बीजेपी से गठजोड़ करने के नीतीश कुमार के फैसले से ख़ुद को अलग कर चुके हैं। गौरतलब है कि शरद यादव इस समय नीतीश के एनडीए में शामिल होने के फैसले के खिलाफ बिहार में यात्रा कर रहे हैं और रैलियों में नीतीश के फैसले को धोखा बताने से नहीं चूक रहे हैं।
हालांकि जेडीयू की ओर से उनको 19 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बुलाया गया है ताकि वह अपना पक्ष रख सकें. अगर वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी में नहीं आते हैं तो संसदीय दल की बैठक में उनके खिलाफ कार्रवाई की कर दी जाएगी।


