Top
Begin typing your search above and press return to search.

जर्जर स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 6 लाख स्वीकृत  होने के साल भर बाद भी नहीं हुआ कार्य प्रारंभ 

ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर पर स्थित ग्राम सराईपतेरा प्राथमिक शाला के बच्चे विगत 2 वर्षों से विभिन्न समस्याओं से गुजर रहे

जर्जर स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 6 लाख स्वीकृत  होने के साल भर बाद भी नहीं हुआ कार्य प्रारंभ 
X

सरायपाली। ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर पर स्थित ग्राम सराईपतेरा प्राथमिक शाला के बच्चे विगत 2 वर्षों से विभिन्न समस्याओं से गुजर रहे है, जहां स्कूल भवन अति जर्जर होने के कारण जीर्णोद्धार के लिए शासन द्वारा 6 लाख 11 हजार रूपए की स्वीकृति मिल गई है लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं हुई है. इसके अलावा परिसर में स्थित शौचालय के दरवाजे भी जर्जर हालत में हैं.जानकारी अनुसार ब्लॉक के शासकीय प्राथमिक शाला सराईपतेरा में स्कूल विगत सन् 1991 से संचालित हो रही है. स्कूल संचालन के 4 साल बाद बच्चों को भवन नसीब हुआ, जिसमें विगत 23 वर्षों से कक्षाएं लग रही है, लेकिन स्कूल भवन का प्लास्टर 2 वर्ष पूर्व से गिरने लगे है और भवन दिनों दिन जर्जर होती जा रही है. भवन की हालत अति जर्जर होने के चलते शिक्षको के शिकायत पर संकुल समन्वय के द्वारा लिखित में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं बीईओ को दिया गया था. जिसे गंभीरता से लेते हुए जर्जर स्कूल की समस्या को शासन तक पहुंचाया गया और फिर जांच टीम के द्वारा आकर निरीक्षण उपरांत जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी गई. शासन द्वारा जर्जर भवन के जीर्णोद्धार के लिए 6 लाख 11 हजार रूपए की स्वीकृति भी मिली, जिसकी जानकारी पंचायत प्रतिनिधि द्वारा स्कूल के शिक्षकों को दी गई. स्कूल के शिक्षकों ने जीर्णोद्धार के लिए राशि की स्वीकृति मिलने की बात सुनकर राहत की सांस ली और जब उनसे कार्य प्रारंभ करवाने के बारे में प्रतिनिधियों से पूछने पर बताया कि जल्द ही जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा. लेकिन दुखद बात यह है कि जीर्णोद्धार के लिए राशि स्वीकृत होने के साल भर बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. भवन के प्लास्टर एकाएक गिरते रहते हैं, जिसके चलते बच्चों पर हमेशा खतरा मंडराते रहता है. सभी बच्चे जर्जर भवन में अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. बरसात के दिनों में फिर से समस्याग्रस्त स्कूल में बैठने के लिए मजबूर होंगे. भवन में चार कमरा, एक बरामदा बना हुआ है जो बरसात में केवल एक बरामदे के भरोसे ही स्कूल संचालित होता है, बाकी सभी कक्षा जर्जर होने के चलते हमेशा पानी टपकते रहता है.

70 हजार का शौचालय उपयोग के पहले हो गया अनुपयोगी
स्कूल में विकलांग बच्चों के लिए 70 हजार का शौचालय मात्र 1 दिन में ठेकेदार द्वारा बनवा दिया गया, लेकिन यह शौचालय उपयोग के पहले ही अनुपयोगी हो गया. उपयोग करने से पहले ही दरवाजे टूट गया है.

अभी तक काम शुरू नहीं किया
इस संबंध में स्कूल के प्रधान पाठक मोहर सिंह वर्गे से पूछे जाने पर बताया कि स्कूल भवन के लिए राशि स्वीकृत होने की जानकारी सरपंच द्वारा हमें बताया गया और जुलाई 2017 में कार्य प्रारंभ करने की बात कही गई थी. लेकिन सत्र बीतने को है और अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है.


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it