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माउंटआबू में सीवरेज कार्य 2022 तक होगा पूरा-गर्ग

राजस्थान शहरी आधारभूत संरचना विकास परियोजना (रूडिप) के अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर प्रदीप गर्ग ने कहा है

माउंटआबू में सीवरेज कार्य 2022 तक होगा पूरा-गर्ग
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माउंटआबू। राजस्थान शहरी आधारभूत संरचना विकास परियोजना (रूडिप) के अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर प्रदीप गर्ग ने कहा है कि पर्यटनस्थल माउंटआबू में चल रही सीवरेज लाईन वर्ष 2022 तक पूरी कर ली जाएगी।

गर्ग ने रूडिप की ओर से बिछाई जा रही सीवरेज लाईन के निरीक्षण के दौरान मीडिया से बात करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके पूरी होने के बाद भी दस वर्षों तक संबंधित ठेकेदार के माध्यम से मरम्मत आदि का काम किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष फरवरी में इस परियोजना के अंतिम चरण का कार्य आरंभ हुआ, जो सामान्य तौर पर 2020 तक पूरा किया जाना था लेकिन माउंटआबू की जलवायु एवं भौगोलिक स्थिति देश के अन्य मैदानी भागों से भिन्न है। यहां जमीनी स्तर पर बहुत ही कठोर चट्टानें हैं। जिसके तहत सीवरेज लाईन खोदने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में चट्टानों को तोड़ने के लिए की जाने वाली ब्लास्टिंग की स्वीकृति नहीं मिलने से लाईन खोदने में परेशानियां में और अधिक इजाफा हुआ है। हाल में ब्लास्टिंग की अधिकारिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिससे लाईन खोदने में सुगमता होगी। फिर भी कठोर चट्टानों को देखते हुए यह कार्य 2022 तक पूर्ण कर दिया जाएगा।

एक सवाल के जबाब में श्री गर्ग ने कहा कि यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए कार्य की प्रगति अच्छी चल रही है। जिसके लिए खोदी गई सडक़ों का दुरुस्तीकरण मानसून से पूर्व किया जाना विभाग की प्राथमिकता रहेगी। जिससे नागरिकों एवं पर्यटकों को आवागमन में हो रही परेशानियों से राहत दिलाई जा सके।

उन्होंने कहा कि सीवरेज पानी के बहाव में मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा यहां ढलान होने से कोई परेशानी नहीं आएगी। जहां ऐसी स्थिति उत्पन्न होने वाली थी वहां कुछ स्थानों पर छोटे-छोटे टुकड़ों में ज्ञान सरोवर मार्ग, नवलनगर, धमाणी, तोरणा स्थानों पर अलग से टीट्रमेंट स्थपित किए जा रहे हैं जिन्हें शीघ्र ही संबंधित स्थान के लोगों के घरों से जोड़ दिया जाएगा। लोगों के घरों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाला जल-मल सीवरेज लाईन के जरिए निकासी कर टीट्रमेंट प्लांट तक ले जाएगा जहां उसे टीट्रमेंट कर उद्यानों के लिए पुनरुपयोग किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

पूर्व में विभिन्न चरणों में 34़37 करोड़ रूपये की योजना के प्रथम चरण में छह करोड़ 55 लाख की लागत से 700 मीटर की 300मिमी व्यास एचडीपीई पाईप लाईन, 43 प्रीकॉस्ट मेनहोल कार्यों को 23 जुलाई 2008 में आरंभ किया गया था। जो नियमानुसार 22 जुलाई 2010 को पूरा होना था। दूसरे चरण में करीब 20करोड़ लागत से पीबीसी घरेलू कनेक्शन पाईप समेत 22 हजार 100 मीटर सीवरेज लाईन, 2090 मेनहोल कार्य 9 अगस्त 2008 को आरंभ किया गया था जो आठ फरवरी 2011 को पूरा किया जाना था। तीसरे चरण में सात करोड 73 लाख की लागत से छह एमएलसीडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य 13 अगस्त 2008 में शुरु किया गया। जिसे 12 फरवरी 2011 में पूरा किया जाना था, जो समय पर पूरे नहीं हो पाये। अंतिम चरण में 68 करोड़ की लागत से विभिन्न कार्यों के लिए गत वर्ष फरवरी में कार्य आरंभ हुआ। जो 2020 में पूरा होने का लक्ष्य है लेकिन विभाग की आरे से अब यह कार्य 2022 में पूरा किए जाने का भरोसा दिया गया।


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