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सड़क पर अतिक्रमण से सीवरेज और निस्तार का पानी, सुधारने की फुर्सत नहीं

  एक ओर जहां स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की सूची में कोरबा को सर्वोच्च अंक दिलाने की कवायद की जा रही है

सड़क पर अतिक्रमण से सीवरेज और निस्तार का पानी, सुधारने की फुर्सत नहीं
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कोरबा। एक ओर जहां स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की सूची में कोरबा को सर्वोच्च अंक दिलाने की कवायद की जा रही है तो दूसरी ओर शहर से लेकर उपनगरीय और ग्रामीण अंचलों में लोग नाली के गंदे पानी के ऊपर से होकर गुजरने पर मजबूर हैं। यह समस्या कोई हाल फिलहाल की नहीं बल्कि महीनों और वर्षों की है लेकिन दुरुस्तीकरण की ओर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जा रहा।

नगर और ग्रामीण क्षेत्रों को साफ सुथरा रखने, कचरों का उचित निपटान करने और स्वच्छ कोरबा-स्वस्थ कोरबा की थीम पर स्वच्छता अभियान को प्रगति देने लाखों-करोड़ों रुपए तो पानी की तरह बहाए जा रहे हैं लेकिन व्यवस्था वही ढाक के तीन पात वाली हो रही है। शहर के स्लम इलाकों में तो जगह-जगह गंदगी पसरी ही है, वार्डों की गलियों में भी गंदगी और बदबू के कारण लोगों का चलना दूभर रहता है। अधिकारी हर दिन कचरा उठाव का दावा तो करते हैं पर हकीकत इससे परे वार्डों में देखी जा सकती है।

भीतरी बस्तियों को छोड़ दे तो ऐसे इलाके जो सहज ही नजरों के सामने रहते हैं, उन क्षेत्रों में भी व्याप्त समस्या को देखकर अनदेखा करना शायद जिम्मेदार लोगों की आदत में शुमार हो चला है। बुधवारी चौक से आईटीआई जाने वाले वीआईपी मार्ग में सरस्वती शिशु मंदिर से लगी चार दीवारी पर लाखों रुपए खर्च कर कला कृतियां तो बनवायी गई हैं लेकिन यहीं पर पानी निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने से स्कूल के मुख्य द्वार के बगल से ही काफी दूर तक गंदे पानी का जमाव हर दिन रहता है।

इसके ठीक सामने बनी लाखों की नाली बेकार साबित है क्योंकि इस नाली से पानी की निकासी न होकर आसपास के रहवासियों के घर से निकलने वाला सीवरेज का गंदा पानी व निस्तार का पानी सड़क पर बह रहा है। गांधी पुतला जाने वाले मार्ग के ठीक किनारे यह नाली जहां काफी दूर तक जाम है वहीं इसके विपरीत बुधवारी सब स्टेशन से लगी नाली घास-फूस से पटी पड़ी है जिसे साफ कर पानी सुचारू बहाव सुनिश्चित करने की जहमत न तो सफाई ठेकेदार उठाता है और न ही सफाई अधिकारी।

इस रास्ते से होकर अंधरीकछार स्कूल के लिए भी बच्चे जाना-आना करते हैं जिन्हें गंदे पानी के ऊपर से गुजरना पड़ता है। सीएसईबी की जमीन पर कब्जाधारी सड़क की ओर दुकान, मकान बना लिए हैं और बनाते चले जा रहे हैं किन्तु निगम के मैदानी अमले को इस ओर झांकने की फुर्सत क्यों नहीं? यह समझ से परे है।

सड़क के गड्ढों में नाली का गंदा पानी

नगर पंचायत छुरीकला मुख्य मार्ग में दुकालु केंवट के घर के सामने लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायी गई सड़क उखड़कर गड्ढों में बदल गई है। यहां पानी निकासी के लिए नगर पंचायत द्वारा नाली का निर्माण कर छोटी पुलिया बनवायी गई है किन्तु कुछ लोगों द्वारा उक्त नाली को बंद कर दिए जाने के कारण गंदा पानी बहने की बजाय सड़क और गड्ढों में जमा हो रहा है। आने-जाने वालों को गड्ढे का अनुमान नहीं हो पाता और वे गड्ढे में गिरकर गंदे पानी से सराबोर होते हैं।

इस रास्ते से अधिकारियों के अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का भी हमेशा आना-जाना होता है फिर भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। इसी तरह रजगामार के ओमपुर कालोनी में बस स्टैंड से लेकर सभी चौक-चौराहों में गंदगी पसरी है। सड़क के किनारे ही कच्चा नाला है जिसमें गंदगी पसरी है। रजगामार की उपसरपंच श्रीमती पूनम चौरसिया ने कई बार इस ओर एसईसीएल प्रबंधन और प्रभारी मंत्री का भी ध्यान आकृष्ट कराया किन्तु कोई बदलाव नहीं हुआ है। कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर यदि एसईसीएल और जिला प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है तो भाजपा कार्यकर्ता के सहयोग से एसईसीएल खदान को पूर्ण रूप से बंद करने आंदोलन किया जाएगा।


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