उत्तर पूर्वी राज्यों में उच्च शिक्षा में सुधार की कई नई पहल
यूजीसी उन योजनाओं, पुरस्कारों, फैलोशिप और कार्यक्रमों को लागू कर रहा है जिनके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों में काम करने वाले संकाय सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उन योजनाओं, पुरस्कारों, फैलोशिप और कार्यक्रमों को लागू कर रहा है जिनके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों में काम करने वाले संकाय सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
संकाय सदस्यों को यह वित्तीय सहायता ज्ञान के क्षेत्रों को कवर करने वाले गुणवत्ता अनुसंधान करने के लिए दी जा रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्नों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए की गई कुछ पहलें हैं इनमें च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, उत्कृष्टता की संभावना वाले विश्वविद्यालय, विशेष क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए संभावित केंद्र, शैक्षणिक अनुसंधान और नैतिकता के लिए संघ (केयर), बुनियादी विज्ञान अनुसंधान, भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए ट्रांस-अनुशासनात्मक अनुसंधान योजना शामिल हैं।
इनके अलावा देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में शिक्षा के व्यापक विकास हेतु कहीं महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गई है जिनमें दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) कौशल केंद्र, छात्रवृत्ति योजना (ईशान उदय) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए नैक द्वारा ग्रेडिंग की नई पद्धति, यूजीसी (एम.फिल,पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया), यूजीसी 'स्वयं' के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए क्रेडिट ढांचा भी शामिल है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शैक्षिक उन्नति के लिए विभिन्न योजनाओं को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक तकनीकी शिक्षा पर उपयुक्त नीतियां तैयार करने और उत्तर में त्वरित सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
इसमें कॉलेजों के सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे के उन्नयन, विशेष कोचिंग, शैक्षिक रियायतें, बेहतर शिक्षण सामग्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के लिए बुनियादी ढांचे को शामिल करना शामिल है।
पूर्वोत्तर राज्यों के शैक्षणिक विकास के लिए कुछ योजनाएं हैं जिनमें पूर्व क्षेत्र के लिए अनुसंधान प्रोत्साहन योजना, एनईआर के लिए अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम, एनईआर के लिए संकाय विकास कार्यक्रम, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए निधियों की योजना, स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति योजना आदि भी सम्मिलित हैं।


