Top
Begin typing your search above and press return to search.

नेपाल के साथ रिश्ते में गंभीर कूटनीतिक चूक : कर्ण सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कश्मीर के पूर्व महाराज कर्ण सिंह ने भारत-नेपाल के संबंधों को ठीक से न संभाल पाने को लेकर सरकार की निंदा की है

नेपाल के साथ रिश्ते में गंभीर कूटनीतिक चूक : कर्ण सिंह
X

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कश्मीर के पूर्व महाराज कर्ण सिंह ने भारत-नेपाल के संबंधों को ठीक से न संभाल पाने को लेकर सरकार की निंदा की है। नेपाल ने प्रतिनिधिसभा में एक नए नक्शे को मंजूरी दी है, जिसमें भारतीय भूमि को शामिल किया गया है।

कर्ण सिंह ने कहा है कि प्रथम दृष्ट्या यह एक गंभीर कूटनीतिक चूक लगता है, जिसका परिणाम हमारे सामने है।

कर्ण सिंह ने कहा कि "यह मामला पिछले साल नवंबर में उठा था, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। कायदे से नेपाल सरकार के साथ विदेश सचिव या विदेश मंत्री स्तर पर बातचीत की जानी चाहिए थी, और जरूरत पड़ने पर गतिरोध दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए था।"

कांग्रेस नेता ने भारत के साथ रिश्ते के प्रति गैरजिम्मेदाराना टकरावपूर्ण रवैया अख्तियार करने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की भी निंदा की।

कर्ण सिंह ने कहा कि नेपाल के साथ उनका राजनीतिक और निजी तौर पर कई दशकों से जुड़ाव रहा है और प्रधानमंत्री ओली ने भारत के साथ संबंधों को लेकर जो किया है, उससे उन्हें गहरा दुख हुआ है।

उल्लेखनीय है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी, जिसके जरिए एक नए राजनीतिक-प्रशासनिक नक्शे को राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया। इस नक्शे में भारतीय क्षेत्र कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है।

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने एक ट्वीट में कहा, "प्रतिनिधिसभा ने सर्वसम्मति से संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसके साथ नए राजनीतिक नक्शे को राष्ट्रीय प्रतीक में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया।"

इसके पहले नेपाली प्रतिनिधिसभा ने नौ जून को देश के नए नक्शे को मंजूरी देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it