सवर्ण आरक्षण एक जुमला से ज्यादा कुछ नहीं: यशवंत सिन्हा
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज मोदी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछले सवर्णो को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आक्षरण को 'जुमला' करार दिया

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज मोदी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछले सवर्णो को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आक्षरण को 'जुमला' करार दिया।
सिन्हा ने कानूनी जटिलताओं और समय की कमी का हवाला देते हुए सरकार की इच्छा पर प्रश्नचिन्ह लगाया, क्योंकि संसद का वर्तमान सत्र मंगलवार को समाप्त हो रहा है।
सिन्हा ने ट्वीट कर कहा, "आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण एक जुमला से ज्यादा कुछ नहीं है। इसमें कई कानूनी जटिलताएं हैं और संसद के दोनों सदनों के पास इसे पारित करने का वक्त नहीं है। सरकार का कदम पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।"
The proposal to give 10% reservation to economically weaker upper castes is nothing more than a jumla. It is bristling with legal complications and there is no time for getting it passed thru both Houses of Parliament. Govt stands completely exposed.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 7, 2019
औपचारिक सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आर्थिक रूप से पिछले सवर्णो को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आक्षरण को मंजूरी दी, जिसे संविधान संशोधन के लिए संसद में मंगलवार पेश किया जाएगा।


