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वरिष्ठ साहित्यकार प्रभाकर चौबे नहीं रहे

प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर चौबे का आज शाम निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे एवं विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे

वरिष्ठ साहित्यकार प्रभाकर चौबे नहीं रहे
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रायपुर। प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर चौबे का आज शाम निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे एवं विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। अपने पीछे वे दो पुत्र जीवेश प्रभाकर चौबे एवं आलोक चौबे सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन से साहित्य जगत, पत्रकारिता जगत एवं सामाजिक संगठनों में शोक की लहर व्याप्त है।

श्री प्रभाकर चौबे का जन्म 1 अक्टूबर 1935 को हुआ था। वे 60 वर्ष तक देशबन्धु परिवार से लगातार जुड़े रहे। उन्होंने देशबन्धु के लिए अनेकों कॉलम लिखे। वे सांध्य दैनिक हाइवे चैनल में 15 वर्ष तक संपादक के पद पर भी कार्यरत रहे। श्री चौबे राष्ट्रीय प्रगतिशील लेखक महासंघ अध्यक्ष के सदस्य भी थे। मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वर्षों तक सदस्य रहे एवं छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संरक्षक थे।

श्री चौबे अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता परिषद के कार्यकारिणी सदस्य भी थे। उनकी पहचान शांति कार्यकर्ता बतौर भी है। वे विश्व शांति के समर्थक थे। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में शिक्षकों के हकों के लिए लगातार संघर्ष किया। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल में वे लंबे समय तक सक्रिय रहे। वे रायपुर के राष्ट्रीय विद्यालय के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए। बतौर साहित्यकार साहित्य जगत में उनका योगदान अनुकरणीय है। उनकी अनेक पुस्तिकाएं प्रकाशित हुई, जिसमें कविता संग्रह, उपन्यास, व्यंग लेख, ललित निबंध सहित अनेक विधाओं का समावेश है।

देशबन्धु में उनका अंतिम कॉलम सोमवार 18 जून को प्रकाशित हुआ। उनका अंतिम संस्कार कल सुबह 11 बजे मारवाड़ी मुक्तिधाम में किया जाएगा।


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