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वरिष्ठ पत्रकार का इस्लामाबाद में दिनदहाड़े अपहरण

पाकिस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा आज भी सबसे उपेक्षित पहलू है और आज भी यहां पत्रकारों को अपहरण का शिकार होना पड़ रहा है

वरिष्ठ पत्रकार का इस्लामाबाद में दिनदहाड़े अपहरण
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा आज भी सबसे उपेक्षित पहलू है और आज भी यहां पत्रकारों को अपहरण का शिकार होना पड़ रहा है।

एक ताजा घटना में वरिष्ठ पत्रकार मतीउल्लाह जान को मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद से दिनदहाड़े उठा लिया गया।

जान को पाकिस्तान के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान की आलोचना के लिए जाना जाता है।

वह इस्लामाबाद के सेक्टर जी-6 में इस्लामाबाद मॉडल कॉलेज फॉर गर्ल्स के पास एक स्कूल के बाहर अपनी पत्नी का इंतजार कर रहे थे जो स्कूल में शिक्षिका हैं। इसी बीच, कम से कम तीन वाहनों में कुछ लोगों ने उनकी कार को घेर लिया, उन्हें उनकी कार से जबरन उतारा गया और उन्हें अपने साथ ले गए।

स्कूल का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें दिख रहा है कि जान को सिविल ड्रेस में और पुलिस की वर्दी में कुछ लोगों ने घेरा हुआ है।

उनके बेटे ने अपने पिता के ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर अपहरण की पुष्टि की।

उन्होंने कहा, "मेरे पिता मतीउल्लाह को राजधानी इस्लामाबाद के बीचोबीच से अगवा कर लिया गया है। मैं मांग करता हूं कि उन्हें ढूंढा जाए और इस घटना में शामिल एजेंसियों को तुरंत जिम्मेदार ठहराया जाए। ईश्वर उन्हें सुरक्षित रखें।"

पत्रकार असमा शिराजी ने ट्वीट किया, "व्हाट द हेल? अज्ञात लोगों ने (मतीउल्लाह जान) को आबपारा से उठा लिया। क्या सच में वे अज्ञात हैं?"

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन के संपादक जफर अब्बास ने इस घटनाक्रम को 'बेहद परेशान करने वाला' और 'अत्यधिक निंदनीय' करार दिया और संपादकों से उनके लापता होने की खबर को प्रकाशित-प्रसारित करके अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया।

मानवाधिकार पर सीनेट फंक्शनल कमेटी के अध्यक्ष व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ राजनेता मुस्तफा नवाज खोखर ने जान के अपहरण की जानकारी कमेटी को देने के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को बुधवार को तलब किया है।

जान के भाई ने आरोप लगाया है कि उनके अपहरण के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा, "सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि सिविल पोशाक वालों के साथ वर्दीधारी लोग भी थे। यह दर्शाता है कि एजेंसियों ने उन्हें उठाया है।"

जान की पत्नी कनीज सुगरा ने कहा कि उनके पति ने सुबह 10 बजे उन्हें स्कूल पर ड्राप किया और लगभग तीन घंटे बाद वह उन्हें लेने आने वाले थे।

सुगरा ने कहा, "वह मुझे छोड़कर गए और इसके एक घंटे बाद मैंने बाहर झगड़े जैसी आवाज सुनी। हालांकि, मैंने उस समय इसे गंभीरता से नहीं लिया।"

उन्होंने कहा, "मैंने मतीउल्लाह के फोन पर दोपहर सवा एक बजे कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।"

सुगरा ने कहा कि उन्होंने कार में चाबी लगी देखा। कार की स्थिति से लगा कि जान को इससे जबरन निकाला गया।

खुलेआम, दिन के उजाले में मतीउल्लाह जान के अपहरण ने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय निकाय पत्रकार की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं और देश में प्रेस की स्वतंत्रता के लंबे-चौड़े दावों पर सवाल उठा रहे हैं।

जान न्यायाधीशों के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में बुधवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होने वाले थे।

उनके अपहरण ने वैश्विक मानवाधिकार निकायों और पत्रकार संगठनों को परेशान किया है, जिन्होंने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने ट्वीट किया, "सरकार को तुरंत पत्रकार की सुरक्षित बरामदगी सुनिश्चित करनी चाहिए। मतीउल्लाह जान के परिवार ने पुष्टि की है कि वह लापता हैं।"

एमनेस्टी इंटरनेशनल साउथ एशिया ने ट्वीट किया, "हम मतीउल्लाह की हालत व सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। वह अपनी पत्रकारिता के लिए शारीरिक हमलों और उत्पीड़न का सामना करते रहे हैं। अधिकारियों को तुरंत उनके बारे में पता करना चाहिए।"

पत्रकार संगठन सीपीजे एशिया ने ट्वीट किया, "हम मतीउल्लाह जान के कथित अपहरण के बारे में बेहद चिंतित हैं। उन्हें तुरंत रिहा कर उनके परिवार के पास भेजा जाना चाहिए।"


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