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प्रधानमंत्री के इशारे पर कार्यकर्ताओं को भेज रही जेल: राजब्बर

पुलिस-प्रशासन भगवा रंग में रंगकर प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है, यही कारण है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारी निहत्थे कार्यकर्ताओं को संगीन धाराओं में उन्हें जेल भेज रही है

प्रधानमंत्री के इशारे पर कार्यकर्ताओं को भेज रही जेल: राजब्बर
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गाजियाबाद। पुलिस-प्रशासन भगवा रंग में रंगकर प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है, यही कारण है कि प्रधानमंत्री के इशारे पर प्रशासनिक अधिकारी निहत्थे कार्यकर्ताओं पर न सिर्फ लाठियां बरसा रही है, बल्कि संगीन धाराओं में उन्हें जेल भेज रही है।

ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों को देश के प्रधानमंत्री को सम्मानित करना चाहिए क्योंकि कोई उनके मन की बात समझे न समझे, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी बखूबी समझ रहे हैं। यह बातें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने डासना जेल में बंद कांग्रेसियों से मिलकर वापस लौटने के बाद कलेक्ट्रेट में कही। सोमवार को हज हाउस पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

प्रदर्शन करने वालों में महिला महानगर अध्यक्ष पूजा चड्ढा, नसीम खान एवं समीर अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बुधवार तक जमानत न हो पाने पर कार्यकर्ताओं से मिलने प्रदेश अध्यक्ष डासना जेल गए थे। मुलाकात के बाद बाहर निकलने पर उन्होंने कहा कि हज हाउस का मुद्दा हिंदू-मुसलमान का नही है बल्कि समाज का है। मौके पर प्रदर्शन करने वालों में हर धर्म के लोग मौजूद थे, लेकिन जिस तरह से कार्रवाई पुलिस एवं प्रशासन ने की है वह निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि मामला एनजीटी में विचाराधीन है, इसलिए हज हाउस के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा लेकिन प्रदर्शन करने वाले हाजियों के रुकने एवं उनके हज पर जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर रहे थे। राजब्बर ने यह भी कहा है कि आध्यात्मिक गुरु रविकृष्ण द्वारा यमुना के किनारे कार्यक्रम आयोजित करने पर एनजीटी ने करोड़ों रुपए का जुर्माना लगाया था, इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। किसी ने कुछ नहीं कहा क्योंकि यह एक सामाजिक कार्य था।

वही सामाजिक कार्य यहां भी था, जिसके अधिकार के लिए कांग्रेसी प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन यहां पर उन निर्दोषों के ऊपर लाठीचार्ज कर जेल में ठूंस दिया, जिनका कोई कसूर नहीं था। भगवा पार्टी हर जगह दलितों एवं मुसलमानों की आवाज दबा रही है, चाहे वह आंध्र प्रदेश हो या गुजरात अथवा उत्तर प्रदेश।

डासना से वापस लौटने के बाद राज बब्बर जिलाधिकारी से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट में पहुंचे, लेकिन वहां पर डीएम मौजूद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में नहीं बल्कि भाजपा पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं। उन्हें एक दिन पहले ही राज्यसभा के पत्र पर लिखकर भेज दिया था, इसके बावजूद वह नहीं मिली। इसे राज्यसभा में उठाऊंगा और व्यंग्य कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से गुजारिश करूंगा कि वह ऐसे कार्यकर्ता अधिकारियों को सम्मानित करें।

सिटी मजिस्ट्रेट से मिलने के बाद वह जेल में बंद पूजा चड्ढा से मिलने के बाद परिजनों को सांत्वना दिया कि पार्टी उनके साथ खड़ी है और हर संभव उनकी मदद की जाएगी।


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