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हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल के लिए 17 जनवरी तक भेजें अपनी फिल्में

यह फेस्टिवल 16 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए खुला है और इसमें 30 मिनट तक की अवधि वाली उन सभी मौलिक फिल्मों को शामिल करने के लिए आमंत्रित किया गया है

हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल के लिए 17 जनवरी तक भेजें अपनी फिल्में
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नई दिल्ली। कला और संस्कृति में दिलचस्पी रखने वाले पेशेवर और शौकिया फिल्म निर्माताओं को भारतीय कला एवं संस्कृति की ऑनलाइन विश्वकोष सहपीडिया द्वारा आयोजित एक अनूठे ऑनलाइन हेरिटेज फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। फिल्मों की स्क्रीनिंग एक महीने तक चलने वाले इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल (आईएचडब्ल्यूएफ) 2018 का हिस्सा होगी।

इसका आयोजन यस बैंक के थिंक टैंक यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट की इकाई यस कल्चर के साथ सहपीडिया की भागीदारी से किया जा रहा है। इसमें भारतीय उपमहाद्वीप की मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के अनगिनत पहलुओं को दर्शाने वाली डॉक्यूमेंटरी फिल्मों को शामिल किया जाएगा।

जानी-मानी नृत्यांगना और सीबीएफसी की पूर्व प्रमुख लीला सैमसन समेत कला एवं संस्कृति से जुड़ी प्रमुख हस्तियों की जूरी द्वारा चुनी गई फिल्मों को सहपीडिया के यूट्यूब चैनल पर प्रदर्शित किया जाएगा जहां फरवरी के पूरे महीने में रोजाना एक नई फिल्म रिलीज की जाएगी।

यह फेस्टिवल 16 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए खुला है और इसमें 30 मिनट तक की अवधि वाली उन सभी मौलिक फिल्मों को शामिल करने के लिए आमंत्रित किया गया है जो एचडी-डीवीडी या ब्लू-रे क्वालिटी की हों। प्रविष्टियां भेजने की अंतिम तिथि 17 जनवरी 2018 है। इसमें 1 जनवरी 2015 से पहले निर्मित फिल्मों को शामिल नहीं किया जाएगा।

प्रविष्टियां डीवीडी फॉर्मेट में डाक द्वारा सहपीडिया कार्यालय, सी-1/3, पहली मंजिल, सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया, नई दिल्ली-110016 के पते पर भेजनी होंगी।

यस बैंक के एमडी और सीईओ तथा यस ग्लोबल इंस्टीट्यूट के चेयरमैन राणा कपूर कहते हैं, "इंडिया हेरिटेज वॉक फेस्टिवल भारत की विरासत का एक भव्य कार्यक्रम है जो भारत के नागरिकों में न सिर्फ जागरूकता और संरक्षण का भाव भरता है बल्कि देशभर में जवाबदेह पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। हेरिटेज टूरिज्म का मॉडल स्थानीय समुदाय के साथ काम करता है और इसमें आत्म गौरव का भाव भरने तथा संपूर्ण विकास को बढ़ावा देने की क्षमता है।"

सहपीडिया के सचिव वैभव चैहान का कहना है, "जो लोग इस फेस्टिवल में शारीरिक रूप से शामिल नहीं हो सकते, उन तक पहुंच बनाने के लिए हम ऑनलाइन फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कर रहे हैं। इससे विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी जुड़ पाएंगे और हमारी अपेक्षा के मुताबिक कार्यक्रम में विविधता भी आएगी।"


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