हिन्दू कॉलेज की गर्ल्स हॉस्टल की फीस ज्यादा होने पर यूजीसी के सचिव को भेजा समन
हिन्दू कॉलेज में लड़कियों की हॉस्टल फीस लड़कों की तुलना में अधिक होने व अन्य भेदभावपूर्ण हॉस्टल नियमों को बताते हुए दिल्ली महिला आयोग ने यूजीसी के सचिव को समन किया है

नई दिल्ली। हिन्दू कॉलेज में लड़कियों की हॉस्टल फीस लड़कों की तुलना में अधिक होने व अन्य भेदभावपूर्ण हॉस्टल नियमों को बताते हुए दिल्ली महिला आयोग ने यूजीसी के सचिव को समन किया है। इसके अलावा कई कालेजों में गर्ल्स हॉस्टल की सुविधा नहीं है और कई कालेजों की ग्रांट यूजीसी के पास अटकी हुई है। इस सभी मुद्दों पर दिल्ली महिला आयोग ने यूजीसी को कई बार पत्र भी लिखे हैं।
दिल्ली महिला आयोग ने 8 फरवरी को पहला पत्र यूजीसी को लिखा था। आयोग ने यूजीसी से अपील की थी कि उनके पास जितने भी शिक्षण संस्थानों के प्रस्ताव लंबित पड़े हैं उन पर कार्रवाई करें ताकि लड़कियों को कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा मिल सके और वे भी सुरक्षित माहौल में बिना किसी भय के अपनी शिक्षा ग्रहण कर सकें। लेकिन आयोग द्वारा कई पत्र लिखने के बाद भी यूजीसी की तरफसे कोई जवाब नहीं मिला। दिल्ली में कई कालेजों में सिर्फ लड़कों के हॉस्टल है और लड़कियों के हॉस्टल नहीं है। जिस वजह से उन्हें बाहर पीजी में रहना पड़ता है और उन्हें अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं। जिस वजह से उनके साथ सीधे तौर पर भेदभाव हो रहा है।
इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने हिन्दू कॉलेज मे गर्ल्स हॉस्टल की अधिक फीस जैसे कई मुद्दों पर यूजीसी के कार्यकारी चेयपर्सन से 9 अगस्त 2017 को बैठक भी की। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी यूजीसी की तरफसे लंबित मुद्दो पर आयोग को किसी भी तरह की कोई कार्यवाई रिपोर्ट नहीं भेजी गई न कोई जवाब दिया गया। जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने यूजीसी के सचिव को सम्मन जवाब मांगा है। इसके अलावा यूजीसी से देरी का कारण पूछा गया है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि वर्तमान यूजीसी गर्ल्स स्टूडेंट्स की समस्याए दूर करने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं।


