नेत्रदान पखवाड़ा पर कौहाकुड़ा में हुई संगोष्ठी
राष्ट्रीय नेत्रदान महादान पखवाड़ा के अंतर्गत नगर की स्वयंसेवी सामाजिक संस्था दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा नेत्र जागरुकता नेत्रदान क्यों जरुरी है?

पिथौरा। राष्ट्रीय नेत्रदान महादान पखवाड़ा के अंतर्गत नगर की स्वयंसेवी सामाजिक संस्था दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा नेत्र जागरुकता नेत्रदान क्यों जरुरी है? विषय पर संगोष्ठी का आयोजन शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल कौहाकुड़ा में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजिंदर खनूजा थे।
अध्यक्षता प्राचार्य अनूप दीक्षित ने की। विशेष अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता अनंत सिंह वर्मा ,प्रधानाचार्य सशिम नोहर दास साहू, संजीवनी नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र के डायरेक्टर डॉ डी एन साहू एवं दिव्यांग मित्र मंडल के योजना एवं वित्त प्रभारी हेमन्त खुटे मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया ।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में निबंध लेखन का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें 30 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया । द्वितीय चरण में नेत्रदान क्यों जरूरी है? विषय पर संगोष्ठी की शुरुआत हुई। पिथौरा प्रेस क्लब के अध्यक्ष एवं प्रमुख वक्ता रजिंदर खनूजा ने कहा कि मृत व्यक्ति की आंखों से सिर्फ कार्निया निकाला जाता है।इस प्रक्रिया में महज 20 मिनट का समय लगता है इस लिहाज से रक्तदान से भी आसान है नेत्रदान।
मृत्यु पश्चात नेत्रदान कर हमें समाज का ऋण चुकाना चाहिए।सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रखर वक्ता अनंत सिंह वर्मा ने कहा कि नेत्रदान एक नेक काम है।अपनी आंख दान कर हम दो लोगों के जीवन मे उजाला ला सकते है। कार्यक्रम संयोजक एवं योजना प्रभारी हेमन्त खुटे ने कहा कि नेत्रदान को महादान की संज्ञा दी गई है क्योंकि इससे श्रेष्ठ भलाई का और कोई दूसरा कार्य नही है।नेत्रदान करने से एक व्यक्ति की आंख से दो व्यक्तियों को रोशनी मिलती है।हम नेत्र दान कर दुनिया की नजरों में महान बन सकते है।
संजीवनी नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र के डारेक्टर डॉ डी एन साहू ने कहा कि नेत्रदाता के परिवार को किसी प्रकार का कोई शुल्क नही लगता और न ही इसके लिए पहले से कोई पंजीयन आवश्यक है।केवल अस्पताल में दूरभाष की सूचना मात्र से ही नेत्र विशेषज्ञों की टीम घर आ जाती है। आवश्यकता है तो केवल नेत्रदान के लिए जागरूकता की ।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रधानाचार्य नोहर दास साहू ने कहा कि नेत्रदान करने वाला परिवार निश्चित रूप से सम्मान के पात्र है जो दृष्टि बाधित लोगों के प्रति संवेदनशीलता की भावना रखते है। दिव्यांग मित्र मंडल के संयोजक बीजू पटनायक ने कहा कि दूसरे व्यक्ति की दी हुई आंख से दुनिया को निहारना एक सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने पिथौरा अंचल के नेत्रदाताओं को सादर स्मरण करते श्रीमती कमलादेवी अग्रवाल,नारायण पटनायक,देवेंद्र साहू व उमेश कुमार पटेल को उनके मानवीय कार्य के लिए याद किया ।
संस्था के प्राचार्य अनूप दीक्षित ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि सामाजिक सरोकार से ही हम राष्ट्रीय नेत्र पखवाड़ा अभियान को सफल बना सकते है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ व्यख्याता श्रीमती सविता डे ने तथा आभार प्रदर्शन प्राचार्य अनूप दीक्षित ने किया। इस दौरान दिव्यांग मित्र मंडल पिथौरा द्वारा उत्कृष्ठ कार्यो के लिए अनन्त सिंह वर्मा,राजिंदर खनूजा,अनूप दीक्षित, नोहर दास साहू एवं श्रीमती सविता डे को श्रीफल एवं साहित्यिक पत्रिका भेंटकर सम्मानित किया गया।


