आजादपुर मंडी में छोड़ी सब्जियां बेचकर पेट पालने वाले परिवार को खाने के लाले
शबाना, उसका पति और दो बच्चे बाजार में माल उतारने के दौरान ट्रकों से गिर जाने वाली सब्जियों को इकट्ठा करने के लिए रोज आजादपुर मंडी आते हैं

नई दिल्ली। शबाना, उसका पति और दो बच्चे बाजार में माल उतारने के दौरान ट्रकों से गिर जाने वाली सब्जियों को इकट्ठा करने के लिए रोज आजादपुर मंडी आते हैं। इसे फिर बेचकर परिवार अपना पेट पालता है। लेकिन हाल के दिनों में यह दंपति अब पर्याप्त सब्जियां इकट्ठा करने के मामले में खुशनसीब नहीं रह गया है शबाना के पति सब्जी का ठेला लगाते थे, लेकिन अब इसे उनके दो बच्चों, एक साल की बेटी और 3 साल के बेटे के लिए बिस्तर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। शबाना का कहना है कि उनके परिवार के लिए गुजर-बसर करना कठिन रहा है। वह कहती हैं, "हम ट्रकों से गिरी हुई बेकार सब्जियों को इकट्ठा करते थे और फिर बेचते थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से हम मंडी से सब्जियां नहीं ले पा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मंडी में ऑड-ईवन स्कीम लागू होने के कारण बहुत कम ट्रकों से माल उतारा जा रहा है, जिसके कारण बहुत कम मात्रा में सब्जियां मिलती हैं।"
शबाना कहती हैं कि जितनी कम कमाई उनकी हो पाती है, उसमें दूध खरीद पाना भी परिवार के लिए बड़ी बात है। दिल्ली सरकार ने 12 अप्रैल को कहा कि कोरोनोवायरस फैलने की आशंका के बीच सामाजिक दूरी को लागू करने के लिए, आजादपुर मंडी में अब सब्जियों और फलों के लिए अलग-अलग समय होगा, स्टॉल नंबरों के लिए ऑड-ईवन योजना लागू की गई है।
कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी), आजादपुर मंडी के अध्यक्ष आदिल अहमद खान के अनुसार, ईवन नंबर वाले स्टॉल ईवन तारीखों पर लगेंगे और ऑड नंबर वाले स्टॉल ऑड तारीखों पर लगेंगे।
जहां सब्जियां सुबह 6 से 11 बजे के बीच बेची जाएंगी, फलों के लिए समय दोपहर 2 से शाम 6 बजे के बीच होगा।
दिल्ली सरकार के फैसले पर निराशा जताते हुए, शबाना ने कहा कि सरकार को इस तरह के कठोर फैसले लेने से पहले गरीबों के लिए व्यवस्था करनी चाहिए थी।
मंडी में ऑड-ईवन स्कीम को लागू करने के अपने फैसले को लेकर भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार की आलोचना की है। भाजपा ने कहा कि यदि दिन के दौरान फलों को उतारने की अनुमति नहीं है, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि फलों को पैक नहीं किया जाता है और न ही रेफ्रिजरेटेड कंटेनरों में रखा जाता है।


