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यूजीसी अध्यक्ष का चयन, केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारियों पर नहीं होगा विचार

यूजीसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कोई विलंब नहीं करना चाहता

यूजीसी अध्यक्ष का चयन, केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारियों पर नहीं होगा विचार
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नई दिल्ली। यूजीसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कोई विलंब नहीं करना चाहता। शिक्षा मंत्रालय अगले एक महीने के भीतर नए अध्यक्ष का चयन और नियुक्ति करने जा रहा है। इस पद के लिए केंद्र या राज्य सरकार के किसी अधिकारियों के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। यूजीसी के इस शीर्ष पद प्रसिद्ध इनोवेटर्स व ऐसे व्यक्ति के नाम पर विचार किया जा सकता है जो उच्च शिक्षण संस्थानों में एनईपी को लागू कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मौजूदा अध्यक्ष डीपी सिंह का कार्यकाल दिसंबर के पहले हफ्ते में खत्म हो रहा है। इसको देखते हुए दिसंबर के अंत तक यूजीसी को नया अध्यक्ष मिल सकता है।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक नए अध्यक्ष के लिए कुछ मानक बनाए हैं। इन मानकों के मुताबिक यूजीसी अध्यक्ष पद के लिए नवाचारों से जुड़े वैश्विक स्तर के अनुभव वाले व्यक्ति को प्रमुखता दी जाएगी। साथ ही आवेदन करने वाले व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। दरअसल यूजीसी के अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल अथवा 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक होता है।

शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी अध्यक्ष के चयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के मुताबिक 30 नवंबर तक यूजीसी अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया जा सकता है। चयन समिति प्राप्त आवेदन के अलावा भी किसी योग्य व्यक्ति के नाम पर विचार कर सकती है।

यूजीसी की गुणवत्ता और मानक को बेहतर बनाने का प्रयास करता है। यह केंद्रीय विश्वविद्यालयों को पूर्ण अनुदान देता है और विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों को विकास अनुदान भी देता है। यह विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मौजूदा स्नातकोत्तर विभागों और शुरूआती विभागों के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के वेतनमान का भी निर्धारण करता है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार का एक सांविधिक संगठन बन गया।

देश में विश्वविद्यालयी शिक्षा के मानकों का समन्वय करने, निर्धारण करने तथा रखरखाव करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को औपचारिक रूप से नवंबर 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार के एक सांविधिक निकाय के रूप में यूजीसी को स्थापित किया गया था। पूरे देश में प्रभावी क्षेत्रवार कवरेज सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, भोपाल, गुवाहाटी और बैंगलूरू में छह क्षेत्रीय केंद्र कार्यालय हैं।


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