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खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कड़ी की गई

जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है

खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कड़ी की गई
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है।

सूत्रों ने कहा कि खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला है कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमला हो सकता है, जिसके बाद एहतियात के तौर पर इनकी सुरक्षा कड़ी करने को कहा गया है।

सूत्रों के अनुसार, कश्मीर क्षेत्र में रेलवे स्टेशनों, उरी में जल विद्युत संयंत्रों, सरकारी भवनों, नए स्थापित बड़े बिजली सब-स्टेशनों और निर्माणाधीन बांधों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है।

सूत्रों ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ जेएंडके, द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) जैसे नए आतंकी संगठनों की एन्क्रिप्टेड चैट को डिकोड करने के बाद इसका खुलासा किया है, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकी संगठनों के मोर्चे हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त बटालियन तैनात की जा सकती हैं।

ये इनपुट घाटी में गैर-स्थानीय और गैर-मुसलमानों पर हो रहे लक्षित हमलों के बीच आए हैं, जिसमें इस महीने 11 नागरिक मारे गए हैं।

ताजा इनपुट में पंचायत और ब्लॉक विकास परिषदों के प्रतिनिधियों पर हमले की चेतावनी भी दी गई है, ताकि कश्मीरी पंडितों सहित उन निवासियों में दहशत फैलाई जा सके, जो सरकारी अनुनय-विनय के बाद अपने घरों को लौटना चाहते हैं।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या कश्मीर में अपनी संपत्तियों पर उन्हें बसाने की सरकार की योजना के लिए एक बड़ा झटका है। अब वे अपने शिविरों में रहने के लिए वापस जम्मू जा रहे हैं।

सरकारी सूत्रों ने यह भी कहा कि आईबी, रॉ और एनआईए के अनुभवी अधिकारियों की एक विशेष टीम, जो पहले कश्मीर में काम कर चुके हैं, को आगे की आतंकी कोशिशों को रोकने और नाकाम करने के लिए काम पर लगाया गया है।

ये अधिकारी पथराव में शामिल लोगों के पुराने मामलों और इतिहास को खंगाल कर आतंकियों का पता लगाने की कोशिश भी कर रहे हैं।

सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह जहां अन्य सुरक्षा हितधारकों के साथ स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं, वहीं भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने भी आतंकवाद रोधी अभियानों और सेना की अन्य तैयारियों की समीक्षा के लिए श्रीनगर का दौरा किया है।


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