सुरक्षा बल आदिवासी किसानों की खेती बचाने के लिए अागे आए
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लंबे समय से माओवादियों की जड़ें उखाड़ने का काम कर रहे सुरक्षा बल अब ग्रामीणों को खेती में मदद करने और लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए भी आगे आए हैं
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लंबे समय से माओवादियों की जड़ें उखाड़ने का काम कर रहे सुरक्षा बल अब ग्रामीणों को खेती में मदद करने और लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए भी आगे आए हैं।
तीन साल से इस इलाके में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 229वीं बटालियन के जवानों ने बुधवार को उसूर ब्लाॅक के चेरामंगी में संपर्क अभियान के तहत एक सभा का आयोजन किया। यहां स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया।
लोगों से जुड़ने के लिए गांव के लोगों को साइकिल बांटी गईं, ताकि अंदरूनी गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो उसे आवापल्ली तक आसानी से लाया जा सके। सूत्रों के मुताबिक हाल ही में इस क्षेत्र में खेतों में कीट प्रकोप हुआ था। इसकी जानकारी जब कमाण्डेंट टी विश्वनाथ को मिली, ताे उन्होंने किसानों को कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए उपकरण उपलब्ध कराया।
इस संपर्क अभियान में चेरामंगी के अलावा नजदीकी गांवों के सैकड़ों लोग बड़ी संख्या में आए थे। स्वास्थ्य शिविर में पाया गया कि उसूर विकासखण्ड में करीब 99 फीसदी लोग रक्तहीनता के शिकार हैं।
गर्भवतियों में भी खून की कमी पाई गई। स्वास्थ्य शिविर में बीएमओ डाॅ शैलेन्द्र कुमार, सीआरपीएफ के चिकित्सा अधिकारी डाॅ राजन कुमार एवं आवापल्ली के चिकित्सक डाॅ एस चंद्राकर ने लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।अधिकतर लोग सर्दी, खांसी, बुखार, कुपोषण, चर्म रोग एवं रक्तहीनता से पीड़ित पाए गए।


