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सुरक्षा घेरा हम लोगों के लिए कोई मसला नहीं: मीरवाइज

हुर्रियत कांफ्रेंस (एचसी) के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अलगाववादी नेताओं से सुरक्षा वापस लेने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह (सुरक्षा) हमारे लिए कोई मसला

सुरक्षा घेरा हम लोगों के लिए कोई मसला नहीं: मीरवाइज
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श्रीनगर। हुर्रियत कांफ्रेंस (एचसी) के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने अलगाववादी नेताओं से सुरक्षा वापस लेने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह (सुरक्षा) हमारे लिए कोई मसला ही नहीं है।

मीरवाइज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने उनकी जान पर खतरे की आशंका के आधार पर सुरक्षाकर्मियों को रखने का जोर दिया था।
गौरतलब है कि पुलवामा जिले में हुए फिदायीन आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 44 जवानों के गुरुवार को शहीद होने के ठीक अगले दिन राज्य के दौरे पर आये केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन को पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से धन लेकर काम करने वाले सभी लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
हुर्रियत के प्रवक्ता ने कहा,“सुरक्षा घेरा हम लोगों के लिए कोई मसला ही नहीं है। यह सरकार का निर्णय था कि इसे जारी रखा जाए तथा इसे हटा दिया जाय।”

सरकार ने जम्मू कश्मीर में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उन्हें दी गई सभी सुरक्षा एवं सुविधाएं वापस लिए जाने का एक बड़ा निर्णय लिया है। जम्मू-कश्मीर सरकार के उच्चाधिकारियों ने यूनीवार्ता को बताया कि अलगाववादी नेताओं मीरवाइज फारुक, अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शबीर शाह को उपलब्ध सुरक्षा और वाहनों की सुविधा रविवार से वापस ले ली जायेगी।

उन्होंने कहा कि अलगाववादी नेताओं को किसी भी कारणवश सरकार ने जो सुविधाएं उपलब्ध कराई है, उसे वापस ले लिया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक अगर कोई और अलगावादी है जिसे सरकारी सुरक्षा अथवा सुविधाएं उपलब्ध है, तो प्रदेश पुलिस मुख्यालय इसकी समीक्षा करेगा और यह सुविधाएं तत्काल वापस ले ली जायेगी।


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