हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र का दूसरा चरण
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण पूरी तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया और दोनों सदनों में किसी भी मुद्दे तथा विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई और एक दिन भी प्रश्नकाल एवं शून्यकाल नहीं हो सका

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण पूरी तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया और दोनों सदनों में किसी भी मुद्दे तथा विधेयक पर चर्चा नहीं हो पाई और एक दिन भी प्रश्नकाल एवं शून्यकाल नहीं हो सका। लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को भी हंगामे के कारण नहीं लाया जा सका। इस दौरान दोनों सदनों में किसी भी मंत्रालय या विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं हो पायी।
लोकसभा में अनुदान मांगों तथा वित्त विधेयक को बिना चर्चा के हंगामे के बीच ही पारित किया गया जबकि राज्यसभा में इन्हें केवल संदन के पटल पर रखा गया। लोकसभा में दूसरे चरण में 127 घंटे 45 मिनट तथा राज्यसभा 124 घंटे का समय बर्बाद हुआ। दोनों सदनों की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चला था।
बाईस दिन के दूसरे चरण में विपक्षी सदस्यों ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में घोटाले, आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन तथा दलितों के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया जिससे एक दिन भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पायी।
मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सबसे पहले 15 मार्च को वाईएसआर कांग्रेस फिर तेलुगू देशम पार्टी उसके बाद कांग्रेस तथा अन्य पार्टियों के सांसदों ने दिए।


