एसईसीएल ने कोयला उत्पादन में अपना ही रिकार्ड तोड़ा
वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी कोयला उत्पादन का अपना ही रिकार्ड तोड़ा

एसईसीएल में इस वर्ष अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन
बिलासपुर। वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी कोयला उत्पादन का अपना ही रिकार्ड तोड़ा। एसईसीएल ने गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 3.4 प्रतिषत वृद्धि अर्जित करते हुए अभूतपूर्व 144.71 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर कोलइण्डिया में अपना प्रथम स्थान बरकरार रखा है।
एसईसीएल ने वर्ष 2016-17 से 9.8 प्रतिषत की वृद्धि के साथ अब तक का सर्वाधिक 151.11 मिलियन टन कोयला आफटेक किया। खुली खदानों से अधिभार निष्कासन में भी एसईसीएल ने लगभग 15.4 प्रतिषत की वृद्धि के साथ अब तक का उच्चतम 206.28 मिलियन घनमीटर अधिभार निष्कासन किया।
एसईसीएल में अब तक का सर्वाधिक एक दिवसीय कोयला उत्पादन 6.38 लाख टन 31.03.2018 को हुआ। गेवरा खुली खदान ने एक ही दिन में रिकार्ड 2 लाख 52 हजार 361 टन कोयला उत्पादन किया जो कि एसईसीएल के इतिहास में किसी भी परियोजना से अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन है।
एसईसीएल में इस वर्ष समग्र विक्रय मूल्य गत वर्ष की तुलना में अधिक होगा। गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में समग्र विक्रय मूल्य 29,215.53 करोड़ था। 2017-18 वित्तीय वर्ष के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से गेवरा खुली खदान (41 से 45 एमटीपीए), दीपका खुली खदान (31 से 35 एमटीपीए) एवं हल्दीबाड़ी भूमिगत खान (0.42 से 0.66 एमटीपीए) की बढ़ी हुई पर्यावरण अनुमति प्राप्त हुई। जगन्नाथपुर खुली खदान (3 एमटीपीए) को भी पर्यावरण अनुमति प्राप्त हुई है।
2017-18 में 6 परियोजनाओं यथा महान-2 खुली खदान (75.055 हेक्टर), गेवरा खुली खदान (112.385 हेक्टर), केतकी भूमिगत खदान (207.99 हेक्टर), जगन्नाथपुर खुली खदान (126.431 हेक्टर), बतुरा खुली खदान (76.84 हेक्टर) तथा भदरा कॉलरी (5.613 हेक्टर) जिसमें 598.701 हेक्टर वन भूमि शामिल है के संबंध में एमओईएफ द्वारा वन अनुमति (स्टेज-1) प्रदान की गई। वर्ष के दौरान 3 परियोजनाओं यथा अमलाई खुली खदान परियोजना (166.92 हेक्टर), महान-2 खुली खदान (75.055 हेक्टर) एवं जमुना खुली खदान (25.262 हेक्टर) के संबंध में अंतिम वन अनुमति (स्टेज-2) प्राप्त हुई तथा 241.975 हेक्टर वन भूमि अधिग्रहित की गई।
इस वित्तीय वर्ष के दौरान एसईसीएल कोयला उत्पादन के साथ-साथ निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत विभिन्न समाज उत्थान के कार्यों को सम्पादित किया गया है, जिनमें हरिहर छत्तीसगढ़ योजना में सहयोग, स्वच्छ गंगा कोष में सहयोग, दिव्यांगों को 486 नग बैटरी चलित मोटरयुक्त तिपहिया वाहन का वितरण आदि समाहित है।
कोरबा जिले में ओडीएफ स्थिति को प्राप्त करने हेतु 5368 नग टायलेट निर्माण में भी एसईसीएल द्वारा सहयोग किया गया। इसी प्रकार कला, संस्कृति एवं खेल को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न योजनाओं में एसईसीएल द्वारा सहयोग किया गया है।
एसईसीएल की निरंतर प्रगति और कोयला उत्पादन में नया रिकार्ड स्थापित करने के लिए एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेषक श्री बी. आर. रेड्डी एवं निदेशक मण्डल द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन, एसईसीएल के अधिकारियों-कर्मचारियों, विभिन्न श्रमसंघों एवं एसोसिएशन, एसईसीएल के उपभोक्ताओं एवं सभी अंशधारकों को बधाई एवं धन्यवाद दिया।


