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कई इलाकों में आज भी हुई सीलिंग

राजधानी में चल रही सीलिंग आज भी जारी रही और आजाद मार्केट, शालीमार बाग, राणा प्रताप बाग, मल्का गंज सहित अलग अलग इलाकों में आज पांच दर्जन संपत्तियों को सील किया गया

कई इलाकों में आज भी हुई सीलिंग
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नई दिल्ली। राजधानी में चल रही सीलिंग आज भी जारी रही और आजाद मार्केट, शालीमार बाग, राणा प्रताप बाग, मल्का गंज सहित अलग अलग इलाकों में आज पांच दर्जन संपत्तियों को सील किया गया। दूसरी ओर प्रधानमंत्री कार्यालय ने निगमायुक्तों को जहां तलब कर हल निकालने के लिए कहा है तो व्यापारियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर दिल्ली में हो रही सीलिंग के मामले में हस्तक्षेप कर अध्यादेश लाने की मांग की है। व्यापारियों ने कहा है कि सीलिंग में अनेक प्रकार के मुद्दे जुड़े हुए हैं इसलिए सरकार दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक स्पेशल टास्क फॉर्स गठित करे जो एक समयबद्ध सीमा में सीलिंग से जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा करते हुए उनके हल तलाशे।

व्यापारियों की की संस्था कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सुझाव दिया कि इस टास्क फॉर्स में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार, नगर निगम, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारीयों सहित व्यापारियों के प्रतिनिधि भी शामिल हों। प्रधानमंत्री को भेजे अपने पत्र में कैट ने कहा है की सीलिंग से दिल्ली के व्यापारियों का उत्पीडऩ और शोषण किया जा रहा है और मॉनिटरिंग कमेटी मनमाने तरीके से अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए कार्यवाई कर रही है और किसी की बात सुनी नहीं जा रही है। कैट ने कहा की सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के केवल रिहायशी इलाकों में कमर्शियल गतिविधियों के लिए ही मॉनिटरिंग कमेटी गठित की थी लेकिन कमेटी अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए दिल्ली भर में किसी भी स्थान पर सीलिंग के आदेश पारित करते है और वो आदेश भी बिल्डिंग विशेष में किस प्रकार दुरूपयोग है इसका भी कोई जिक्र नहीं होता।

कैट ने कहा की दिल्ली नगर निगम कानून, 1957 के मूल प्रावधानों से व्यापारियों को वंचित किया गया है जिनमें खास तौर पर कारण बताओ नोटिस, व्यक्तिगत पक्ष रखने का अधिकार, अपील ट्रिब्यूनल एवं उपराज्यपाल के पास अपील करने का अधिकार शामिल हैं। दिल्ली में अनेक बाजार हैं जिनको नगर निगम, डीडीए ने बहुत पहले ही कमर्शियल घोषित कर दिया था, उनसे कन्वर्जन शुल्क लेना और उन्हें सील करना बेहद अन्यायपूर्ण है। लगभग ऐसी ही स्तिथि लोकल शॉपिंग सेंटर्स की भी है।

कैट ने कहा कि सीलिंग के कारण दिल्ली की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और दिल्ली का सदियों पुराण व्यापारिक वितरण स्वरुप बेहद विकृत हो जाएगा।


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