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सवर्णों पर अत्याचार के लिए नहीं है एससी-एसटी अधिनियम: रामदास

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) अधिनियम का दुरुपयोग नहीं किये जाने का आश्वासन देते

सवर्णों पर अत्याचार के लिए नहीं है एससी-एसटी अधिनियम: रामदास
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रांची। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) अधिनियम का दुरुपयोग नहीं किये जाने का आश्वासन देते हुये आज कहा कि यह अधिनियम सवर्णों पर अत्याचार करने के लिए लागू नहीं किया गया है।

अठावले ने यहां झारखंड के समाज कल्याण एवं महिला, बाल विकास विभाग के साथ आयोजित बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारी सरकार दलित विरोधी नहीं, यह सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर काम करने वाली सरकार है। एससी- एसटी अधिनियम अनुसूचित जाति-जनजाति के सहयोग के लिए बनाया गया है ना कि सवर्णों पर अत्याचार करने के लिए।

जो अत्याचार करते हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मैं सभी सामान्य वर्ग के लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि इस अधिनियम का कहीं दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज पूरे देश में कई जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। सरकार इन जातियों को 25 प्रतिशत आरक्षण सामान्य वर्ग के 50 प्रतिशत में से कटौती करके दे। उन्होंने कहा कि इन जातियों को आरक्षण का लाभ देने के लिए एससी-एसटी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को प्राप्त आरक्षण में कटौती न की जाए।

अठावले ने कहा कि अंतर जातीय विवाह करने पर राज्य सरकार 50 हजार रुपये सहयोग राशि देती है। वहीं, केंद्र सरकार इसके लिए दो लाख 50 हजार रुपये देती है। उन्होंने कहा कि अंतर जातीय विवाह करने वालों को राज्य सरकार से मिलने वाली राशि 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय का लक्ष्य है कि झारखंड के हर जिले में एक वृद्धा आश्रम का निर्माण हो। हालांकि राज्य के 10 जिलों में इसका निर्माण हो चुका है और बाकी के अन्य 14 जिलों में इसपर काम चल रहा है। उन्होंने राज्य में कार्यरत कर्मियों एवं रिक्तियों कि जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में दिव्यांगों के लिए काफी पदों पर रिक्तियां है।

इन रिक्तियों को भरने के लिए राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के दिव्यांगों को स्किल्ड कर के उन्हें रोजगार से जोड़ना उनकी प्राथमिकता है।

अठावले ने कहा कि सरकारी नौकरी में दिव्यांगों को मिलने वाले चार प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर पांच प्रतिशत एवं शिक्षा में पांच प्रतिशत करने के लिए सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए कार्य कर रही है।


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