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कर्बला तक की पैदल यात्रा पर निर्मित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग

इमाम हुसैन के चालीसवें के दिन से शुरू होने वाली इराक में बशरा से कर्बला तक की पैदल यात्रा पर बनी डाक्यूमेन्ट्री ‘अरबईन- दि लारजेस्ट पीसफुल गैदरिंग’ की नवाब नगरी लखनऊ में स्क्रीनिंग की गई।

कर्बला तक की पैदल यात्रा पर निर्मित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग
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लखनऊ। इमाम हुसैन के चालीसवें के दिन से शुरू होने वाली इराक में बशरा से कर्बला तक की पैदल यात्रा पर बनी डाक्यूमेन्ट्री ‘अरबईन- दि लारजेस्ट पीसफुल गैदरिंग’ की नवाब नगरी लखनऊ में स्क्रीनिंग की गई।

इस डाक्यूमेन्ट्री का लेखन और निर्देशन फिल्म निर्माता अदनान अली ने किया है। इराक में हर साल 1800 किमी लम्बी यात्रा पर आधारित इस डाक्यूमेन्ट्री में दर्शाया गया है कि किस तरह विश्व की सबसे बड़ी एवं भीड़ वाली यात्रा बेहद शांतिपूर्ण तरीके से संचालित होती है। इस यात्रा में आने वाले जायरीन की सेवा के लिये इराक के लाखों हजारो लोग भी जुटते है।

अदनान अली ने बताया कि उन्हे इस फिल्म को पूरा करने मे तीन साल का वक्त लगा। डाक्यूमेन्ट्री को कई फिल्म समारोहों में दिखाया जा चुका है और अभी भी कई फिल्म समारोह द्वारा इस डाक्यूमेन्ट्री को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने अपनी इस फिल्म को विश्व प्रसिद्ध शिया धर्म गुरू खतीब़-ए-अकब़र मौलाना मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर को समर्पित किया है।

विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित शिया कालेज सईदुल मिल्लत हॉल में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता और शिया बोर्ड आफ ट्रस्टीज के वरिष्ठ सदस्य मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इमाम हुसैन हमारे आदर्श है और पूरी दुनिया के लोग कर्बला में जियारत करने के लिये जाते है और आज के दौर में इमाम हुसैन की शिक्षाओं का महत्व और बढ़ गया है। अदनान ने इस डाक्यूमेन्ट्री का निर्माण करके महत्वपूर्ण कार्य किया है।


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