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दलित मतदाता को रिझाने सिंन्धिया का मास्टर स्ट्रोक
दलित वोटर्स को साधने के लिए भाजपा ने भारत रत्न बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की 132वी जयन्ति के अवसर पर बाबा साहेब अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन किया था। मेला ग्राउंड पर लगे मंच को सिंन्धिया ने जमकर भुनाया।

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में नागर विमानन मंत्री हैं। उन्हें यह केंद्रीय मंत्रालय राज्यसभा सांसद होने के नाते मिला है। ज्योतिरादित्य जब जनसेवा के लिए कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए तो उन्हें यह सब देकर पुरुष्कृत किया गया। लेकिन इन सब उपलब्धियों के बाबजूद भी सिंन्धिया शायद कुछ न कुछ कमी महसूस करते हैं। और वह है पिछले लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त। जब उनके ही गढ़ गुना शिवपुरी लोकसभा में उनके ही एक अनुयायी भाजपा प्रत्याशी के पी सिंह यादव ने उन्हें बहुत बड़े अंतर से हरा दिया था।
ज्योतिरादित्य अब भाजपा में है। गुना शिवपुरी से जीतकर के पी यादव लोकसभा सांसद हैं तो सिंन्धिया राज्यसभा सांसद। 2024 में लोकसभा चुनाव हैं, जिसे जीतने की तैयारी के लिए सिंन्धिया ने इस बार जबरदस्त प्लान बनाया है। इसकी झलक 16 अप्रैल को ग्वालियर में दिखाई दी। जहां दलित वोटर्स को साधने के लिए भाजपा ने भारत रत्न बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की 132वी जयन्ति के अवसर पर बाबा साहेब अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन किया था। मेला ग्राउंड पर लगे मंच को सिंन्धिया ने जमकर भुनाया। उन्होंने अपने भाषण में ऐसा बहुत कुछ कहा जो दलित वोटर्स के सेंटीमेंट को उनके पक्ष में ला दे।
सिंन्धिया ने अपने भाषण में कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को कभी सम्मान नहीं दिया। बाबा साहेब को 75 साल सम्मान के लिए इंतज़ार करना पड़ा। मेरे परिवार ( मतलब भाजपा) के अटल जी ने उन्हें भारत रत्न दिया। यह कहकर सिंन्धिया ने दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की। उन्हें भी पता है कि फिलहाल दलित वोटर्स कांग्रेस की तरफ ज्यादा झुका है। लेकिन सिंन्धिया ने आगे अपने भाषण में इससे बHई बड़ा दांव चला।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाषण के दौरान ही हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ऐसी मांग करदी। कि दलित वोटर सिंन्धिया के कायल हो जाएं । उन्होंने मुख्यमंत्री से ग्वालियर में अंबेडकर धाम बनाने की अपील करते हुए सरकारी जमीन आवंटित करने की मांग रखी। सिंन्धिया को पता है कि दलित समुदाय बाबा साहेब को पूजता है। अब अंबेडकर धाम बनता है तो उसके सहारे उन्हें दलित वोट मिल सकते हैं। लेकिन आगे सिंन्धिया के पास ओर भी मजबूत प्लान था। जो दलित वोटर्स के दिल मे सिंन्धिया को उतार दे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने भाषण के शुरुवात में ही ऐसा कुछ कहा कि दलित उन्हें अपना परिवार मानने लगे। सिंन्धिया ने कहा कि उनकी पत्नि के पूर्वज बड़ौदा के सयाजीराव गायकवाड़ महाराज ने ही बाबा साहेब को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था। यह कहकर उन्होंने दलितों के मसीहा बाबा साहेब को उनके पत्नी के परिवार द्वारा उपकृत किये जाने की बात दलितों को याद दिलाई। शायद उनका यह प्रयास था कि दलित समझें कि सिंन्धिया परिवार ने बाबा साहेब के लिए बहुत कुछ किया। हालाकि उस समय सिंन्धिया और गायकवाड़ परिवार में आपस मे कोई सम्बन्ध नहीं था। लेकिन अपने भाषण की शुरुवात में ही यह उपकार बता कर सिंन्धिया वह कर गए जिसकी उनको ज़रूरत थी। उनका यह स्टेटमेंट उनके भाषण का मास्टर स्ट्रोक रहा। क्योंकि दलित समुदाय अब यह मानकर चलेगा कि जूस सिंन्धिया के पत्नी के पूर्वज ने बाबा साहेब को मदद की उनके पक्ष में वोट देकर अब उनकी मदद करनी चाहिए।
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