Top
Begin typing your search above and press return to search.

बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़े छात्रों के लिए बनेंगे विज्ञान, साहित्य क्लब

बिहार में ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों के समग्र विकास के लिए अब उनके क्लबों का गठन होगा।

बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़े छात्रों के लिए बनेंगे विज्ञान, साहित्य क्लब
X

पटना, 2 दिसंबर: बिहार में ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों के समग्र विकास के लिए अब उनके क्लबों का गठन होगा। इन बच्चों को बेहतर अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे ये सामान्य योग्यता हासिल कर संबंधित विषयों के गूढ़ और उसकी मौलिकता जान सकें। शिक्षा विभाग के मुताबिक, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य के सभी जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास व अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालयों में गणित एवं विज्ञान क्लब के साथ-साथ साहित्य और समाजशास्त्र क्लबों के गठन का निर्णय लिया है।

विभाग का मानना है कि साहित्य एवं समाजशास्त्र के सैद्धांतिक विषयों के प्रति भी मौलिक एवं गूढ़ जानकारी काम आती है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चे स्नातक स्तर के सामान्य योग्यता हासिल करने के बावजूद गूढ़ एवं मौलिक विचारों के अभाव में साक्षात्कार व्यक्तित्व परीक्षा के दौरान परेशाने होते हैं।

इन बच्चों को उच्च शिक्षा, पीएचडी के प्रति रुझान भी कम होता जाता है, ऐसे में क्लब गठन जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि ऐसे बच्चों के लिए जननायक पुस्तकालय एवं डिजिटल अध्ययन केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है, जिसमे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए डिजिटल अध्ययन की व्यवस्था की गई है। साथ ही पुस्तकालय भी स्थापित किये गये हैं।

ग्रामीण परिवेश के पिछड़े वर्ग एवं अति पिछड़े वर्ग के छात्रों में गणित और विज्ञान के प्रति भी झुकाव कम होता है। अब सरकार ने इन बच्चों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। इसके लिए विभाग ने सभी जिलों के पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it