Top
Begin typing your search above and press return to search.

फोन, मेल, सोशल मीडिया के जरिए छात्रों के संपर्क में रहेंगे स्कूल

कोरोना के कारण देशव्यापी बंद और उसके बाद 2 महीने गर्मियों की छुट्टी, यानी लगभग 100 दिन छात्रों का स्कूल जाना पूरी तरह से बंद रहेगा

फोन, मेल, सोशल मीडिया के जरिए छात्रों के संपर्क में रहेंगे स्कूल
X

नई दिल्ली। कोरोना के कारण देशव्यापी बंद और उसके बाद 2 महीने गर्मियों की छुट्टी, यानी लगभग 100 दिन छात्रों का स्कूल जाना पूरी तरह से बंद रहेगा। ऐसी स्थिति में छात्रों के स्कूल ड्रॉपआउट के खतरे को रोकने के लिए कई राज्य सरकारें व शिक्षा बोर्ड छात्रों के साथ संपर्क बनाए रखने के विभिन्न माध्यम अपना रहे हैं। छात्रों से प्रतिदिन संपर्क स्थापित करने के लिए स्कूलों द्वारा फोन कॉल, ईमेल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व अन्य डिजिटल माध्यम अपनाए जाएंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि लॉक डाउन की अवधि में भी छात्रों एवं शिक्षण संस्थानों का सामंजस्य बना रहे।"

अधिकारी के कहा, "कोरोना वायरस को लेकर भी छात्रों को विशेष रूप से सजग किया जा रहा है। छात्रावासों में रह रहे छात्रों के लिए छात्रावास के वार्डन, सीनियर फैकल्टी के नेतृत्व में छात्रों के कोविड-19 सहायता समूह बनाए गए हैं। छात्रों के लिए बनाए गए यह समूह ऐसे छात्रों की पहचान करेंगे, जिन्हें तत्काल सहायता की जरूरत है और उन्हें जरूरी मदद दी जाएगी।"

यूजीसी ने भी छात्रों के हितों और उनके स्वास्थ्य के मद्देनजर विशेष पहल की है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है, "राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान, कोविड-19 के समय और बाद में स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य तथा मनो-सामाजिक चिंताओं पर गौर करना भी उतना ही जरूरी है।"

पत्र में आगे कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में छात्रों में उनकी पढ़ाई, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों को लेकर तनाव या अवसाद जैसी समस्याओं से निपटने के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेजों को मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन शुरू करनी चाहिए।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों द्वारा नियमित तौर पर छात्रों से बातचीत करना और अपील, पत्र के माध्यम से उन्हें शांत और तनाव मुक्त रहने की सलाह दी है।

हरियाणा ने तो स्कूल ड्रॉपआउट को रोकने के लिए बाकायदा एक हेल्पलाइन शुरू की है। राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के उच्चतर शिक्षा विभाग की कक्षाओं में पढ़नेवाले अधिकांश छात्र निम्न मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से है। उन्हें अपने तनाव के स्तर को कम करने के लिए कोई भी समाधान और मार्गदर्शन नहीं मिलता है। कोई भी छात्र लॉकडाउन के कारण तनावग्रस्त होकर अपनी पढ़ाई न छोड़े, इसलिए यह हेल्पलाइन एक मार्गदर्शक एजेंट के रूप में काम करेगी।

छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे, तनाव, चिंता, अवसाद, असंतोष को कम करने और आगे बढ़ने को प्रेरित करने के लिए चार सरकारी कॉलेजों में 'मेसर्स योवर दोस्त' एजेंसी के साथ मिलकर एक काउंसलिंग हेल्पलाइन शुरू की है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it