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स्कूलों में पानी की सुविधा नहीं दूषित पानी पीने छात्र मजबूर

शासन द्वारा बच्चों को शिक्षा सुविधा तो उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन प्रदेश में अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां पीने का पानी भी विद्यार्थियों को नसीब नहीं हो रहा है

स्कूलों में पानी की सुविधा नहीं दूषित पानी पीने छात्र मजबूर
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बतौली। शासन द्वारा बच्चों को शिक्षा सुविधा तो उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन प्रदेश में अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां पीने का पानी भी विद्यार्थियों को नसीब नहीं हो रहा है। गर्मी में तो यह समस्या और बढ़ जाती है। ऐसे में छात्र-छात्राओं के सामने विवशता होती है कि वे नदी-नाले का पानी पीएं।

ऐसा ही कुछ सरगुजा जिले के बतौली स्थित मिडिल स्कूल कुड़केल में हो रहा है। हैंडपंप नहीं होने से वहां पढऩे वाले छात्र.छात्राओं को करीब 300 मीटर का सफर तय कर नाले का पानी पीना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ सरगुजा जिले के बतौली स्थित मिडिल स्कूल कुड़केल में हो रहा है।

हैंडपंप नहीं होने से वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को करीब 300 मीटर का सफर तय कर नाले का पानी पीना पड़ रहा है। इससे उन्हें बीमारियां भी हो सकती हैं। मध्याह्न भोजन के बाद बच्चे थालियां भी धोते हैं। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार जानकारी दी गईए लेकिन अब तक उनके द्वारा कोई पहल नहीं की गई है।

वहीं स्कूल से इतनी दूर नाले की ओर जाने के दौरान कभी बड़ा हादसा भी हो सकता है। कुड़केला माध्यमिक स्कूल परिसर में हैंडपंप नहीं होने की वजह से स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को इस गर्मी में प्यास बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

विद्यार्थियों की इस समस्या से शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारियों को कोई लेना-देना नहीं है। विद्यार्थियों को करीब 300-400 मीटर तक का सफर तय कर नाले से पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। जंगल पारा के पास बने नाले में जाकर गंदे पानी से मध्याह्न भोजन में उपयोग करने वाले बर्तनों को धोने का काम किया जा रहा है।

जंगल में बने नाले में कम पानी की वजह से विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कभी भी इसके बाद ही शिक्षा विभाग की नींद खुलेगी और फिर बड़े.बड़े दावे किए जाएंगे। शिक्षकों के अनुसार पूरे क्षेत्र में पानी की काफी समस्या है।

हैंडपंप नहीं होने की जानकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा भी बीईओ को कई बार दी जा चुकी है लेकिन इसके बाद भी अब तक अधिकारियों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है।

इसकी जानकारी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को 14 सितंबर 2017 को लिखित में दी गई है लेकिन विकास खंड़ शिक्षा अधिकारियों को बच्चों की इस गम्भीर समस्या से कोई लेना.देना नहीं है। वे सिर्फ मीटिंग में व्यस्त रहते हैं।

इसकी वजह से क्षेत्र में भी कम रहते हैं। इसकी जानकारी सरपंच साल्याडीह को भी दी जा चुकी है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इसकी जानकारी लोक सुराज के दौरान आयोजित समाधान शिविर में भी की गई है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

स्कूल में परीक्षा के समय पूरे छात्र.छात्रायें उपस्थित रहते थे। शिक्षक अरविंद पैकरा ने बताया कि सुबह एक छोटे स्टील ड्रम में पीने का पानी रखा जाता था। उसको भरने के लिए भी बच्चे पानी भरने जाने से कतराते है।

जानकारी नहीं
मीटिंग में व्यस्त रहने की वजह से इसकी जानकारी मुझे नहीं है। इसकी जानकारी स्कूल में जाकर ली जाएगी। बैठक में अंबिकापुर जाना पड़ता है। इसलिए ध्यान नहीं दिया गया है।
एसके जांगड़े बीईओ, बतौली


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