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गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा रहा : त्रिवेंद्र

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है

गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाया जा रहा : त्रिवेंद्र
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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

श्री त्रिवेंद्र ने राजपुर स्थित जीआरडी इंस्टीट्यूट में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 20वें प्रान्तीय अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी इजाफा हुआ है। गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए स्कूलों को स्मार्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में अब एकसाथ छात्र संघ के चुनाव संपन्न किये जा रहे हैं जिससे विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को पठन पाठन के लिए ज्यादा समय प्राप्त होने लगा है। यह विद्यार्थी परिषद् की भी सोच है कि विद्यार्थियों और शिक्षकों का समय व्यर्थ नही जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब को संशय से बचना चाहिए। मन में संशय का वास होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती है। मनुष्य यह तय नही कर पाता कि क्या गलत है और क्या सही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का युवा वर्ग जागृत हो रहा है, जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का भी अह्म योगदान है। कल ही हमने फेसबुक लाइव के जरिये आगामी बजट के लिए नौजवानों से सुझाव मांगे थे। 1500 से ज्यादा सुझाव हमें प्राप्त हुए हैं। काफी अच्छे सुझाव हमारे नौजवानों द्वारा हमें प्राप्त हुए हैं और हमने कहा है कि उनके बेहतर सुझावों को जरूर बजट में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी कोई शिकायत या कोई सुझाव हो तो 1905 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकता है। हेल्पलाइन में आप किसी भी भाषा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इस हेल्पलाइन का सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नही होता समस्या का समाधान नही माना जायेगा।

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के अधिकांश जिले पर्वतीय हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कारखाने स्थापित करना काफी चुनौतियां से भरा है। लेकिन सही नीति और युवाओं की जागरूकता से उत्तराखंड की भौगोलिक बनावट के आधार पर प्रकृति के अनुरूप रोजगार स्थापित किये जा सकते हैं। हमने होम स्टे के क्षेत्र में काफी प्रयास किये हैं, अभी तक 2500 होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। हमारी कोशिश है कि होम स्टे जितने बढ़ेगे उतनी ज्यादा ही हमारी आय बढ़ेगी, सर्विस सेक्टर डेवलप होगा तो रोजगार मिलेगा। होम स्टे के वजह से राज्य के दूरस्थ इलाकों में भी पर्यटकों की आवाजाही को बढ़ावा मिला है। यह पर्यटन का क्षेत्र ऐसा है जो अधिकतम लोगों को रोजगार देता है इस वजह से हम पर्यटन पर विशेष फोकस दे रहे हैं। ‘13 जनपद 13 डेस्टिनेशन’ योजना के तहत हर जिले में एक नये पर्यटन स्थल का विकास किया जा रहा है। यूरोपीय देशों की तर्ज पर सर्दी में भी टूरिज्म इंडस्ट्री को वैज्ञानिक तरीके से स्थापित करने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हर प्रकार से उत्तराखंड को सम्पन्न किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म के क्षेत्र में भी हमें बेस्ट डेस्टिनेशन का अवार्ड प्राप्त हो चुका है और विगत कुछ समय से लगभग 250 से अधिक फिल्मों व नाटकों की शूटिंग राज्य में हुई है।

ग्रांडमास्टर शिफूजी शौय भारद्वाज ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के युवा वर्ग को नशे से दूर रहकर अपने मुल्क के हित में कार्य करना चाहिए। नशा केवल वतन का होना चाहिए। उत्तराखण्ड को प्रकृति ने काफी खुबसूरती से नवाजा है, हम सब को मिलकर पलायन को रोकना होगा। हमे अपनी बोली और अपनी संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। नौजवानो में महिलाओं एवं बुजुर्गो के प्रति विशेष सम्मान होना चाहिए।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मेयर देहरादून सुनिल उनियाल गामा, समासेवी सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल, उद्योगपति अशोक विंडलास, सुनिल आंबेकर, तानिया वालिया आदि उपस्थित थे।


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