स्कूल में शौचालय नहीं, छात्र-छात्राएं व शिक्षक परेशान
कोटा विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पुडू के शासकीय प्राथमिक शाला केन्द्र लमनाझार में शौचालय नहीं होने से विद्यार्थी और शिक्षक परेशान हैं
रतनपुर। कोटा विकासखण्ड के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पुडू के शासकीय प्राथमिक शाला केन्द्र लमनाझार में शौचालय नहीं होने से विद्यार्थी और शिक्षक परेशान हैं। शासन की लाख प्रयास के बावजूद आज तक स्कूल की छात्र-छात्राएं शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। चार साल से आधे अधूरे निर्मित शौचालय अब खंडहर में तब्दील हो गया है।
जिला मुख्यालय से महज 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पुडू के सरपंच सचिव की लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की सुस्त रवैय्या के कारण शौचालय निर्माण कार्य ठप्प हो चुका है। आश्रित ग्राम लमनाझार के शासकीय प्राथमिक शाला केन्द्र मे शौचालय निर्माण कार्य नही किया गया। जिसकी शिक्षकों द्वारा लगातार समय समय पर मांग भी कि गई है, लेकिन इसकी सुध न तो शासन के अधिकारी ले रहे है और न ही ग्राम पंचायत।
ऐसे में विद्यालय का शौचालय निर्माण कार्य अधर में लटका है। पंचायत द्वारा सर्व शिक्षा अभियान मद से कराये जा रहे शौचालय निर्माण कार्य चार वर्ष से आधा-अधूरा पड़ा है। आधे-अधूरे निर्मित पड़े शौचालय भी अब खंडहर मे तब्दील हो चुकी है। शासकीय प्राथमिक शाला में विद्यार्थियों की संख्या 27 है। सरपंच-सचिव की लापरवाही के चलते शौचालय निर्माण नहीं हो सका है, जिसके चलते विद्यालय के लिए तो स्वच्छ भारत मिशन अभियान महज एक दिखावा बन कर रह गया है।
स्कूलों में शासन द्वारा स्वच्छता अभियान के तहत् शौचालय बनाने के नाम पर करोड़ों रूपए की राशि पानी की तरह बहाया गया बावजूद इसके अब तक ग्राम पंचायत पुडू के शासकीय प्राथमिक विद्यालय शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हंै। जहॉ खुले में शौच से होने वाली बीमारियों और इसके दुष्परिणाम की जानकारी दी जाती है। विद्यालय में शौचालय नहीं होने से छात्राओ और शिक्षिकाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
नोटिस दी जाएगी
सर्वशिक्षा अभियान से बनने वाली शौचालय का निर्माण कार्य की जिम्मेदारी जनपद पंचायत का है । यदि सरपंच द्वारा शौचालय निर्माण कार्य नही किया जा रहा है तो जनपद सीईओ के माध्यम से निर्माण कार्य पूरा करने नोटिस जारी की जायेगी।
प्रमोद शुक्ला, ब्लाक समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान कोटा
अधिकारी ध्यान नहीं देते
आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण अँचल की सुध लेने कोई अधिकारी ही नहीं आते हैं। शौचालय निर्माण जैसी शिकायत करने पर भी उच्च अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है, जिससे सरपंच-सचिव के हौसले बुलंद है।
कृष्ण सागर पैकरा, क्षेत्रीय जनपद सदस्य


