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न्यायालय में स्कैंडल, फर्जी वकील करा रहे फर्जी जमानत, बार काउंसिल अध्यक्ष ने बताई यह वजह
व्यापम कांड के बारह तेरह सो आरोपियों को फर्जी जमानत दी गई हैं, जिसकी जांच के लिए मैने लिखा है, यह बहुत बड़ा स्केंडल है: बार काउंसिल अध्यक्ष

ग्वालियर: जिला एवं सत्र न्यायालय में फर्जी जमानतदार तो पहले भी पकड़े जा चुके हैं लेकिन इस बार दो फर्जी वकील भी पकड़े गए हैं। जो बिना रजिस्ट्रेशन और बार काउंसिल के पंजीयन के धड़ाधड़ जमानत आवेदन पेश करके न्यायालय को गुमराह कर रहे थे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक ने कुछ अन्य वकीलों की सूचना पर इन जालसाय लोगों को पकड़ा और उन्हें इंदरगंज थाने की पुलिस के हवाले किया। पकड़े गए फर्जी वकीलों के नाम महेंद्र सिंह चौहान और रामप्रकाश प्रजापति हैं। जबकि फर्जी जमानतदारों के नाम योगेश व महेश यादव हैं। पुलिस ने कुल 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।
बार काउंसिल अध्यक्ष पवन पाठक ने देशबन्धु को बताया कि न्यायालय में जमानत के नाम पर स्कैंडल चल रहा है। व्यापम कांड के आरोपियों को भी फर्जी जमानतदारों द्वारा जमानत दी गई जिसकी शिकाय त भी मैने की है। पाठक ने बताया कि इन वकीलों के पास न बार का पंजीयन है न कानून की डिग्री। ये पक्षकारों से पैसा लेकर लूट खसोट कर रहे हैं। न्यायाधीश के सामने वकील बनकर फर्जी साइन कर न्यायालय को भी गुमराह कर रहे हैं। चार वर्ष पहले जब में सचिव था तब भी मैने फर्जी वकील पकड़े थे लेकिन समझाइश देकर छोड़ दिया था। जब पाठक से पूछा कि न्यायालय में ऐसा फर्जीवाड़ा क्यूं हो रहा है तो उन्होंने मॉनिटरिंग की कमी को इसका कारण बताया। इसमें बार व न्यायालय दोनों की कमी है। हाई कोर्ट रुल एंड ऑर्डर में हुए अमेंडमेंट के अनुसार वकालत नामे में वकील का नाम, पंजीयन , मोबाइल नंबर, पता मेल आई डी होना चाहिए । लेकिन ऐसा नहीं होता। इस फर्जीवाड़े में कोर्ट बाबू व कोर्ट मुंशी भी लिप्त हैं जो हजार हजार रूपए फर्जी जमानत का दावा पेश करने देते हैं। यह कर्मी 20 , 25 साल से काम कर रहे हैं। इनको पता रहता है कौन वकील है कौन नहीं। व्यापम कांड के बारह तेरह सो आरोपियों को फर्जी जमानत दी गई हैं, जिसकी जांच के लिए मैने लिखा है, यह बहुत बड़ा स्केंडल है।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि न्यायालय में फर्जी वकील और फर्जी जमानतदारों का एक गिरोह सक्रिय है जो गांव देहात के लोगों को उनके परिजनों की जमानत करा देने का झांसा देता था और उनसे जमीन अथवा मकान के दस्तावेज हासिल कर लेता था। जिनका वह दुरुपयोग अन्य मामलों में भी कर देता था। इस सूचना पर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इन जाली लोगों को पकड़ने का प्लान बनाया और शुक्रवार को न्यायालय परिसर से ही इन चार लोगों को पकड़कर न्यायालय के बाहर बने इंदरगंज थाने की पुलिस को सौंप दिया। आरोपियों के कब्जे से फर्जी आई कार्ड वकीलों के मोनो लगी गाड़ी और अन्य दस्तावेज बरामद किए है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष का यह भी कहना है कि उनके कुछ साथी भाग निकले हैं जिनकी तलाश की जा रही है यहां फर्जी वकीलों की संख्या करीब दर्जनभर बताई गई है।
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