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कार्ति और उनकी पत्नी के खिलाफ कर चोरी मामले में आयकर विभाग को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी के खिलाफ सात करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में आयकर विभाग को सोमवार को नोटिस जारी किया

कार्ति और उनकी पत्नी के खिलाफ कर चोरी मामले में आयकर विभाग को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी के खिलाफ सात करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में आयकर विभाग को सोमवार को नोटिस जारी किया। न्यायाधीश अशोक भूषण और आर. सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता याचिकाकर्ता इन याचिकाओं की एक प्रति सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय में भेज सकता है।

मई में मद्रास हाईकोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति और उनकी पत्नी की ओर से सांसदों और विधायकों के लिए मामला निचली अदालत से एक विशेष अदालत में स्थानांतरित करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी।

हाईकोर्ट ने इस मामले में आयकर विभाग द्वारा दर्ज शिकायत को रद्द करने के लिए दंपति की ओर से दायर एक और दलील पर सुनवाई करने से मना कर दिया था।

दंपति ने मामले में दोषमुक्ति की मांग की है। कार्ति ने मामले को सांसदों/विधायकों के लिए एक फास्ट-ट्रैक अदालत में स्थानांतरित करने को भी चुनौती दी है।

यह मामला कार्ति द्वारा 6.38 करोड़ रुपये की आय और 2015 में उनकी पत्नी श्रीनिधि द्वारा अर्जित की गई 1.35 करोड़ रुपये की आय का कथित तौर पर खुलासा नहीं करने से जुड़ा है।

हाईकोर्ट ने कार्ति की इस दलील को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कथित अपराध की तारीख या शिकायतें दर्ज होने के समय वह न तो सांसद और न ही विधायक थे।

कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत की पीठ के समक्ष दलील दी कि अभियोजन पक्ष आयकर अधिनियम की धारा 276 सी और 277 के तहत है, जो गैर-सं™ोय अपराध हैं, लेकिन शिकायत दर्ज होने पर कोई नामित अदालत नहीं थी।

उन्होंने कहा, कानून यह है कि अगर इस मामले में 12 सितंबर, 2018 को शिकायत दर्ज करने की तारीख के समय कोई विशेष अदालत नहीं है, तो अदालत, जिसके समक्ष मामला लंबित है, वही मामले की सुनवाई जारी रखेगी।

सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि हाईकोर्ट के सभी निष्कर्ष उनके मुवक्किल के पक्ष में हैं। उन्होंने मामले को विशेष अदालत में भेजने को भेदभावपूर्ण बताया।

आयकर विभाग के अनुसार, कार्ति और उनकी पत्नी ने अपने आई-टी रिटर्न में मुत्तुकाडु में एक भूमि की बिक्री के लिए प्राप्त नकदी का खुलासा नहीं किया।


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