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उप्र में उपचुनाव में एसबीएसपी और सपा गठबंधन की बढ़ी संभावना

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की पूर्व सहयोगी - सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करने की संभावना बढ़ गयी है।  

उप्र में उपचुनाव में एसबीएसपी और सपा गठबंधन की बढ़ी संभावना
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की पूर्व सहयोगी - सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) की 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करने की संभावना बढ़ गयी है।

एसबीएसपी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने उपचुनावों के दौरान राज्य में एक नए राजनीतिक गठबंधन की संभावना के बारे में बात की।

सपा सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि एसबीएसपी ने 13 सीटों में से पूर्वी उत्तर प्रदेश की तीन सीटें देने की मांग की है। हालांकि सपा ने गठबंधन के लिए अभी अपना समर्थन देने का ऐलान नही किया है।

भाजपा तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार बयान देने वाले ओमप्रकाश राजभर को लोकसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद से पहली बार ओमप्रकाश राजभर ने बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश में 13 विधानसभा सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच लंबी वार्ता के बाद कयास लगाया जा रहा है कि दोनों पार्टी उप चुनाव में गठबंधन कर सकती हैं। इनके बीच भेंट के दौरान काफी देर तक समाजवादी पार्टी कार्यालय में बड़ी हलचल रही।

राजनीति एसबीएसपी- सपा दो लखनऊ
सूत्रों ने बताया कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अब समाजवादी पार्टी के साथ आ सकती है। ओमप्रकाश राजभर पहले भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। पार्टी से मतभेदों के चलते उनको हटा दिया गया था। अब विधानसभा उपचुनाव में सपा के साथ एसबीएसपी मिलकर चुनाव लड़ सकती है।
उन्होंने बताया कि राज्य की 13 विधानसभा सीटों में से, श्री राजभर की एसबीएसपी ने अंबेडकरनगर की जलालपुर और बहराइच की बलहा विधानसभा सीट के अलावा एक और सीट की मांग की है।
सूत्रों ने बताया कि सपा नेतृत्व एसबीएसपी को केवल दो सीटें देने में दिलचस्पी दिखायी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान, ओम प्रकाश राजभर की एसबीएसपी ने चार विधानसभा सीटें हासिल की थीं। पार्टी ने इन सीटों पर भाजपा के साथ गठबंधन किया था।
दूसरी ओर, श्री ओम प्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और गठबंधन से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसी समुदाय के एक और नेता अनिल राजभर को बढ़ावा दे रही है। श्री ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार के आलोचक रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, ओम प्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी को वांछित टिकट नहीं देने के लिए भाजपा खिलाफ बयान दिये और उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को भाजपा के खिलाफ मैदान में उतारा।

इस बीच, सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने शनिवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उपचुनावों की तैयारी करने को कहा है। श्री यादव ने कहा, “आम जनता अब भाजपा के शासन से तंग आ चुकी हैं और हमें उपचुनाव में सभी विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए।” उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओ से उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं की वर्तमान स्थिति जैसे 1090 महिला हेल्पलाइन, डायल 100 सेवा इत्यादि का प्रचार करने के लिये कहा है।
लोकसभा चुनाव में सपा ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा, लेकिन हार के बाद, बसपा ने गठबंधन से अपने को अलग कर लिया था। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में, सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। गठबंधन को सफलता नही मिल पायी थी। बाद में गठबंधन टूट गया।

उपचुनाव की तैयारियाें में जुटी सपा ने शुक्रवार को पार्टी की पूरी उत्तर प्रदेश इकाइयों को भंग कर दिया, जिसमें राज्य कार्यकारिणी, और जिला और युवा विंग शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी सुधार के प्रयास में जुटी है। पार्टी ने हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को बरकरार रखा है।


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