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एसबीआई कर्मचारी ही निकला क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड करने वाला

ऐसे कस्टमर जिनको क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी नहीं होती, आरोपी के पास आते थे और वह ऐसे व्यक्तियों का मोबाइल फोन व क्रेडिट कार्ड लेकर उनके कार्ड से अधिकृत ट्रांजेक्शन कर अपने पेटीएम वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर लेता था। इस कार्य हेतु वह एसबीआई क्रेडिट कार्ड के क्षेत्रीय मैनेजर के साथ सांठगांठ रखता था

एसबीआई कर्मचारी ही निकला क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड करने वाला
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गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री अमित सांघी को समक्ष में उपस्थित होकर आवेदक दुर्ग सिंह निवासी थाटीपुर जिला ग्वालियर ने एक शिकायती आवेदन पत्र दिया था, जिसमेें आवेदक ने अपने एसबीआई क्रेडिट कार्ड को बंद करने के उद्देश्य से क्रेडिट कार्ड बनाने वाले एसबीआई क्रेडिट कार्ड कर्मचारी से संपर्क किया, कुछ समय पश्चात आवेदक को पता चला कि उसके क्रेडिट कार्ड से 5000/-रुपये का अनाधिकृत ट्रांजेक्शन हो गया है, जबकि आवेदक द्वारा किसी को भी कोई जानकारी प्रदाय नहीं की गई थी। आवेदक द्वारा इसकी शिकायत एसबीआई क्रेडिट कार्ड के ऑफिस, बैंक आदि जगहों पर की गई कोई समाधान नहीं हुआ और जब निकले हुए पैसे पर क्रेडिट कार्ड पर इंट्रेस्ट या ब्याज राशी 30,000/- रूपये हो गई तब आवेदक द्वारा उक्त फ्रॉड की शिकायत पुलिस में की गई। आवेदक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने सायबर क्राइम करने वाले अपराधियों पर कार्यवाही करने हेतु डीएसपी क्राइम श्री ऋषिकेश मीणा (भापुसे) तथा डीएसपी अपराध द्धितीय श्री षियाज़ के.एम(भापुसे) को क्राइम ब्रांच की सायबर टीम से उक्त शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करवाने हेतु निर्देशित किया।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशो के परिपालन में थाना प्रभारी क्राइम ब्रांच निरीक्षक नरेश गिल ने उक्त शिकायत पर से थाना क्राइम ब्रांच ग्वालियर में अपराध क्र0 03/23 धारा 420 भादवि 66 (सी), आईटी एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। दौराने विवेचना क्रेडिट कार्ड से हुए ट्रांजेक्शन के संबंध में तकनीकी जानकारी प्राप्त की गई तो फरियादी के खाते से जो 5000/- रुपये का जो अनाधिकृत ट्रांजेक्शन हुआ था वह एसबीआई क्रेडिट कर्मचारी द्वारा ही किया गया था। साइबर क्राईम टीम द्वारा आरोपी को ट्रेस किया गया। क्राईम ब्रांच टीम द्वारा आरोपी से घटना में प्रयुक्त मोबाइल और सिम को बरामद किया गय़ा। आरोपी ने पूछताछ में बताया गया कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर इस फ्रॉड को अंजाम देता था। आरोपी ने कितने लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की है, इस संबंध में पूछताछ जारी है और आरोपी द्वारा एसबीआई के कर्मचारियों के साथ सांठगांठ संबंधी दी गई जानकारी की जांच की जा रही है।
आरोपी द्वारा बताया गया कि कुछ ऐसे कस्टमर जिनको क्रेडिट कार्ड के बारे में जानकारी नहीं होती है, तब ऐसे व्यक्ति मेरे पास आते थे और मैं ऐसे व्यक्तियों का मोबाइल फोन व क्रेडिट कार्ड लेकर उनके कार्ड से अधिकृत ट्रांजेक्शन कर अपने पेटीएम वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर लेता था। इस कार्य हेतु मैं एसबीआई क्रेडिट कार्ड के क्षेत्रीय मैनेजर के साथ सांठगांठ रखता था, जिससे कि इस संबंध में कोई मेरी शिकायत करता था तो उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
आपको बतादें कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड के ठगी के मामले देश मे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादातर मानलों में एसबीआई ग्राहक की शिकायत पर सुनवाई न कर उन्हें ही दोषी या लापरवाह करार दे देता है। इतने मामलों में ठगी होने पर कर्मचारियों के संलिप्तता की आशंका हमेशा बनी रहती है। लेकिन एक कर्मचारी के यह स्वीकारने से कि उसने मैनेजर के साथ मिलकर इस प्रकार की ठगी की हैं। इस घटना से यह बात पुख्ता हो गयी है कि एसबीआई क्रेडिट कार्ड की ठगी के मानलों में कर्मचारी भी शामिल हैं


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