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सऊदी अरब ने भारत से प्रभावित होकर 850 बंदियों को रमजान से पहले छोड़ा : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सऊदी अरब ने भारत से प्रभावित होकर हमारे देश के 850 बंदियों को रमजान से पहले छोड़ दिया।

सऊदी अरब ने भारत से प्रभावित होकर 850 बंदियों को रमजान से पहले छोड़ा : पीएम मोदी
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भदोही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सऊदी अरब ने भारत से प्रभावित होकर हमारे देश के 850 बंदियों को रमजान से पहले छोड़ दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को आयोजित एक जनसभा में कहा, "सऊदी के राजकुमार जब भारत आए तो यहां के लोगों से प्रभावित हुए और भारत के 850 कैदियों को रमजान के महीने के पहले ही छोड़ दिया गया।"

उन्होंने कहा कि ऐसे ही दो-तीन दिन पहले ही आपने देखा कि दुनिया की सबसे बड़ी संस्था ने भारत में सैकड़ों लोगों की जान लेने के गुनहगार मसूद अजहर को अंर्तराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है।

उन्होंने कहा अब तक पाकिस्तान उसे दावत खिला रहा था। अब वहीं पाकिस्तान मसूद अजहर पर कार्रवाई के लिए मजबूर हुआ है। उन्होंने कहा कि कोई आतंकी हमला हो तो सबको दर्द होता है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में हमला होता है भदोही रोता है।

मोदी ने मुस्लिम वोटरों को साधते हुए कहा, "आज यहां से मैं पूरे हिंदुस्तान की मुस्लिम बहनों से कहना चाहता हूं कि आज दुनिया के मुस्लिम देशों में भी तीन तलाक की प्रथा नहीं है। हम भी भारत की मुस्लिम महिलाओं को वही अधिकार देना चाहते हैं, जो दुनिया के मुस्लिम देशों में मिला हुआ है।"

प्रधानमंत्री ने कहा, "स्वतंत्रता के बाद की राजनीति में चार अलग-अलग तरह के दल और पॉलिटिकल कल्चर देखे गए हैं। पहला नामपंथी, दूसरा वामपंथी, तीसरा दाम-दमन पंथी और चौथा- विकास पंथी। नामपंथी यानी जो सिर्फ अपने वंशवादी नेता का नाम जपे। वामपंथी यानी जो विदेशी विचारधारा को भारत पर थोपने की कोशिश करे। दाम-दमन पंथी यानी जो धन और बाहुबल की ताकत पर सत्ता पर कब्जा करे। विकास पंथी, जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ देश के लोगों का विकास ही सबसे बड़ी प्राथमिकता हो। "

सपा, बसपा, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "महामिलावटी लोगों ने सत्ता को हमेशा अपनी दौलत बढ़ाने का जरिया माना है, जबकि हमारे लिए सत्ता, देश के लोगों की सेवा का माध्यम रही है। उन्होंने कहा कि हर चीज को चुनाव के चश्मे से देखने की वजह से ही आज कांग्रेस और उसके साथियों की ये हालत हो गई है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बुआ-बबुआ एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे तब उसी दौर में इस जिले का नाम संत रविदास रखा गया था, लेकिन बुआ के बबुआ ने अपने अहंकार में इस जिले के नाम से संत रविदास का नाम हटवा दिया। अब बुआ अपने उसी बबुआ के लिए वोट मांग रही हैं।


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