सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने के आश्वासन पर सत्याग्रह स्थगित
गुजरात सरकार द्वारा सरदार सरोवर बांध के जल निकासी के लिए गेट खोले जाने के आश्वासन के बाद मध्य प्रदेश के बड़वानी के राजघाट पर चल रहे सत्याग्रह को बीती देर रात स्थगित कर दिया गया

भोपाल। गुजरात सरकार द्वारा सरदार सरोवर बांध के जल निकासी के लिए गेट खोले जाने के आश्वासन के बाद मध्य प्रदेश के बड़वानी के राजघाट पर चल रहे सत्याग्रह को बीती देर रात स्थगित कर दिया गया। सरदार सरोवर बांध के गेट न खोले जाने से राज्य के 193 गांवों के परिवारों पर डूब का खतरा मंडरा रहा था। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, सरदार सरोवर बांध में जल भराव के कारण राज्य के 193 गांवों के सैकड़ों परिवारों पर डूब का खतरा मंडरा रहा था। बांध के गेट खोलने की मांग को लेकर और प्रभावित आदिवासी, किसान, केवट-कहार, कुम्हार, पशुपालक और भूमिहीन मजदूरों के पुनर्वास के किए राजघाट पर सात अगस्त से सत्याग्रह शुरू किया गया था।
बयान के अनुसार, गुरुवार को आंदोलनकारियों के करीब पानी बढ़ रहा था, तो दूसरी ओर आवासों में रह रहे परिवारों को निकालने की प्रशासन की ओर से कोशिशें जारी थीं। गुरुवार रात बड़वानी जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि गुजरात द्वारा गेट खोलकर पानी की निकासी कर दी जाएगी, इसके बाद रात लगभग दो बजे सत्याग्रह स्थगित किया गया।
आंदोलनकारियों और प्रशासन के बीच सहमति बनी है कि सभी प्रभावितों की वर्तमान पुनर्वास स्थिति का सरकार और आंदोलन के प्रतिनिधियों के साथ जाईंट सर्वे करवाया जाएगा, सरकारी पुनर्वास समितियों में आंदोलन के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के मंत्री से जल्द मुलाकात करवाई जाएगी। जब तक बांध विस्थापितों का संपूर्ण पुनर्वास नहीं होता, तब तक बांध के गेट खुले रखे जाएंगे।
बताया गया है कि जब आंदोलनकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच संवाद चल रहा था, उसी दौरान गुजरात सरकार ने सरदार सरोवर बांध के गेट खोलने का आदेश जारी कर दिया। आदेश में बांध के निचले इलाकों को सावधान करते हुए कहा गया है कि सरदार सरोवर बांध में निर्धारित 131 मीटर जलस्तर होने के कारण बांध के गेट खोलना जरूरी हो गया है। शुक्रवार सुबह नर्मदा के जलस्तर में मामूली कमी आई है। अभी नर्मदा का जलस्तर 131 मीटर से थोड़ा नीचे है।
आंदोलनकारियों ने बांध के गेट खोले जाने और कलेक्टर के अश्वासनों को अपनी जीत मानते हुए कहा है कि सत्याग्रह को सिर्फ स्थगित किया गया है, यदि बांध का जलस्तर बढ़ाने का प्रयास किया गया या कलेक्टर अपने आश्वासन से पीछे हटे तो सत्याग्रह शुरू कर कड़ा संघर्ष किया जाएगा।


