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सतीश शुक्ल के उपन्यास का विमोचन रतूडी ने किया

डीजीपी अनिल कुमार रतूडी ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सेवानिवृत अधिकारी सतीश चन्द्र शुक्ल द्वारा रचित उपन्यास ‘बाल-गुरू’ का विमोचन किया।

सतीश शुक्ल के उपन्यास का विमोचन रतूडी ने किया
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देहरादून। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल कुमार रतूडी ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सेवानिवृत अधिकारी सतीश चन्द्र शुक्ल द्वारा रचित उपन्यास ‘बाल-गुरू’ का विमोचन किया।

रतूडी ने उपन्यास का सार-संक्षेप बताते हुए कहा कि बाल-गुरु एक आत्म-कथात्मक अभिव्यक्ति है, जिसमें कथानक का मुख्य पात्र बुस्सैन, जो किशोर से वयस्क अवस्था में आ रहा है। वह अपने से उम्र में छोटे किन्तु कुशाग्र सहपाठी को मित्र बना लेता है।

उपन्यास लेखक शुक्ल ने बताया कि बाल-गुरु ऐसी ही जीवन्त घटनओं की एक लयपूर्ण श्रृंखला है जो स्कूल की शरारतों, अपरिपक्व-उम्र की यौन वर्जनाओं और भ्रान्तियों का ऐसा दस्तावेज है जो अनेक ऐसे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं तथा विषयों की ओर ध्यानाकर्षण करता है, जिनके बारे में लोग आज भी खुल कर बात करने से कतराते हैं। यही दोहरी मानसिकता अन्त में व्यक्तित्व की कमजोरी बन जाती है।

शुक्ल ने पूर्व में दो कहानी संग्रह ‘और लड़की जीत गई’ एवं ‘आस-पास’ तथा उपन्यास ‘इतनी सी बात’ भी लिखी है। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से उपस्थित इन्दु कुमार पाण्डे, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन, पूर्व पुलिस महानिदेशक पीडी रतूड़ी, कचन चौधरी, ज्योति स्वरूप पाण्डे, सत्याव्रत बंसल, सुभाष जोशी, राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक संचार, निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।


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