उपग्रह से होगी नए लगाए गए वनों की निगरानी : जावड़ेकर
सिर्फ नए वन लगाकर खानापूर्ति न हो बल्कि उनका बढ़ना भी सुनिश्चित किया जाये इसके लिए सरकार ने उपग्रह से निगरानी रखने और प्राप्त डाटा को सार्वजनिक करने का फैसला किया है

नई दिल्ली। सिर्फ नए वन लगाकर खानापूर्ति न हो बल्कि उनका बढ़ना भी सुनिश्चित किया जाये इसके लिए सरकार ने उपग्रह से निगरानी रखने और प्राप्त डाटा को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कैम्पा फंड) के इस्तेमाल को लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियों की शनिवार को यहाँ हुई बैठक के विषय में संवाददाताओं को जानकारी देने के क्रम में यह बात कही। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “ एक काम हम और कर रहे हैं कि उपग्रह के द्वारा नजदीकी निगरानी की जायेगी कि कितना जंगल लगा और उनका कैसा विकास हो रहा है। पिछले पाँच साल में 12 करोड़ पेड़ लगे हैं। इन पेड़ों का विकास किसी प्रकार हो रहा है इसके आँकड़े भी हर साल मंच पर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए हम एक पूरा तंत्र तैयार कर रहे हैं जिसमें उपग्रह से पूरा निरीक्षण किया जाएगा।”
श्री जावडेकर ने बताया कि बैठक में बिहार, तेलंगाना तथा पूर्वोत्तर के कई राज्यों समेत 12 राज्यों के मंत्री शामिल हुये। अन्य राज्यों के अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि दिसंबर तक सभी राज्यों की ओर से योजना बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया जायेगा। इसके बाद एक और बैठक बुलाकर योजनाओं पर चर्चा होगी।
उन्होंने बताया कि राज्यों से चर्चा के आधार पर जनवरी से मई 2020 तक जहाँ वृक्षारोपण के लिए चयनित क्षेत्र में कंक्रीट की दीवार तथा अन्य बुनियादी ढाँचों का निर्माण पूरा किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कैम्पा फंड से केंद्र सरकार ने 47,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आवंटन राज्यों को किया है। इस बैठक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए किया जाये।
वन मंत्री ने कहा कि बैठक में कुछ प्रस्तुतीकरण भी दिये गये। इसमें यह चर्चा हुई कि किस प्रकार ज्यादा से ज्यादा वनीकरण हो और वहाँ मौजूद जल स्रोतों की रक्षा की जाये। जंगल किसी प्रकार बेहतर और ज्यादा घने हों इसके बारे में भी राज्यों के साथ चर्चा हुई।


