ग्राम सभा से ही मुकर रहे सरपंच
ग्राम पंचायत चपले में शासन के आदेशानुसार 14 अप्रैल को होने वाली ग्राम सभा 16 अप्रैल को बामुश्किल संपन्न हुई....

खरसिया। ग्राम पंचायत चपले में शासन के आदेशानुसार 14 अप्रैल को होने वाली ग्राम सभा 16 अप्रैल को बामुश्किल संपन्न हुई। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार सरपंच हर हाल में यह ग्रामसभा टालना चाहते थे। जब ग्रामीणों का दबाव बना तो उन्होंने आनन फानन में मुनादी करवा दी और 16 तारीख को ग्राम सभा मुकर्रर की गई. परंतु इसमें भी महज 4 पंच ही सम्मिलित हो सके और सरपंच के सम्मिलित ना होने पर जब लोगों द्वारा आवाज उठाई जाने लगी तब कहीं जाकर सरपंच भी सम्मिलित हुए. सिर्फ चालीस-पचास लोगों की ही उपस्थिति में यह सभा प्रारंभ तो हुई परंतु सरपंच द्वारा बाजार के मुद्दे पर सही जवाब नहीं देने पर काफी हंगामा भी हुआ. ग्रामीणों ने कहा कि बाजार का ठेका पुन: देने से पूर्व पिछले वर्ष का हिसाब प्रस्तुत किया जाए. इसी तरह ग्रामीणों ने नलकूप एवं अन्य मुद्दों पर भी सरपंच से हिसाब मांगा परंतु प्रत्येक सवाल के जवाब में सरपंच साहिबा मौन ही रहीं.उन्होंने प्रयास भी किया तो सही जवाब नहीं दे पायीं. बताया जा रहा है कि वह स्वयं इन बातों से ही उदासीन रहती हैं, जिसका फायदा अन्य पंचायत कर्मी एवं सहयोगी उठाते हैं।
पंचों के घर ही नहीं शौचालय
ग्राम चपले के दिनेश पटेल एवं मुरली पटेल, सनत कुमार मराठा, खिवन पटेल और खेमलाल पटेल ने बताया कि कागजों में तो घर-घर शौचालय की बात कही जा रही है . वही पंचायत के 10 पंचों के घर में शौचालय नहीं हैं ! इसी तरह 14वें वित्त में आठ लाख रुपए के करीब स्वीकृत हुए थे जिनमें से आधे अभी खर्च भी नहीं हो पाए हैं और पुन: 5 लाख रुपए पंचायत में आ चुके हैं। यदि गांव पर नजर दौड़ाई जाए तो यहां विकास के नाम पर शून्यता प्रतीत होती है. ऐसे में शासन द्वारा आवंटित यह राशि कहां जा रही है यह एक बड़ा प्रश्न उभर रहा है।


