सरपंच 'कुदरत का कोहिनूर' अलंकरण से सम्मानित
ग्राम पंचायत केसली की सरपंच श्रीमती धनेश्वरी वर्मा ने प्रकृति का श्रृंगार कर जनप्रतिनिधियों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया

सिमगा। ग्राम पंचायत केसली की सरपंच श्रीमती धनेश्वरी वर्मा ने प्रकृति का श्रृंगार कर जनप्रतिनिधियों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया । प्रकृतिप्रेमी सरपंच को सदभावना मंच ने कुदरत का कोहिनूर अलंकरण से विभूषित किया हैं । पंचायत की जमीन पर कब्जा किया जा रहा था । जिस पर सरपंच ने पौधारोपण कर जंगल बना दिया ।
सिमगा ब्लाक के ग्राम पंचायत केसली की जागरूक सरपंच श्रीमती धनेश्वरी वर्मा ने खाली जमीन में लोगों द्वारा अवैध कब्जा किये जाने से रोकने अनोखा कदम उठाया । प्रकृति प्रेमी सरपंच ने 5 हेक्टेयर में जनप्रतिनिधियों को प्रेरित कर 3 हजार पौधौं को रोपण कर रमणीक स्थल का रूप दे दिया । श्रीमती धनेश्वरी वर्मा ने बताया कि 20 सितम्बर 2016 से ग्राम केशली की 5 हेक्टेयर भूमि में मनरेगा योजना के तहत 16,77 लाख रुपये तीन वर्षों के लिए स्वीकृत हुए । जिसमें 11, 91 लाख रुपये मजदूरी में खर्च किया जाना हैं तथा 4,86 लाख रुपये सामान क्रय करने हैं ।
उद्यानिकी विभाग द्वारा 3 हजार पौधें उन्हें प्राप्त हुए । जिसमें फलदार वृक्ष के लगभग 2 हजार पौधें हैं । जिसमें नींबु 240 , करोदा 220, आँवला 120, अमरूद 200 , सीताफल 110, कटहल 130, आम 100, मुनगा 50, पपीता 20, जामुन 20, सहित इमारती वृक्ष में शीशम 240 , बांस 230, खम्हार 120, नीम 120, रेटरेना 130, गुलमोहर 250, करण 240, पीपल 5, नीलगिरी 5, बरगद 5 सहित अन्य पौधों के रोपण सितम्बर 2016 में किया गया था । पौधों की सुरक्षा के लिए तार घेरा किया गया हैं ।500 मीटर की दूरी पर एक एच पी का बोर पंप लगाकर पौधों की सिंचाई की गई हैं ।
सुरक्षा के लिए बकायदा 172 रुपये प्रतिदिन मजदूरी में एक चौकीदार टेकराम लहरी की नियुक्ति की गई हैं । जो बड़ी लगन से पौधों की कटाई छटाई प्रारम्भ से आज तक कर रहा हैं । वर्तमान में अनेक फलदार पौधें लगभग ढाई से तीन फीट ऊंचे हो गये हैं । उनमें अमरूद ,सीताफल, करौंदा आदि फल फलने लगे हैं ।जो आने वाले समय में पंचायत की आय के स्त्रोत बनेगा । सरपंच ने बताया कि जनपद पंचायत सिमगा के सी ई ओ की अनुमति से 5 हार्स पावर का एक नया बोर पंप लगाया गया हैं । जिससे सम्पूर्ण वृक्षों की सिंचाई किया जा रहा हैं । सरपंच श्रीमती धनेश्वरी वर्मा ने बताया कि वे मूलत: किसान परिवार की हैं । इसलिए वह पर्यावरण के महत्व को भली भांति समझती हैं । सरपंच का प्रयास अब अपना आकर लेने लगा हैं । वृक्ष अब फल व छाया देने लगे हैं । सरपंच ने उक्त पौधारोपण की जगह की सुरक्षा के लिए एक मजबूत चारदीवारी की आवश्यकता को देखते हुए शासन से राशि की मांग किया हैं ।


