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मूल शाला भवन जर्जर, एक कक्ष में बैठते हैं 5 कक्षाओं के बच्चे

सरायपाली ! प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शासन के द्वारा नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं एवं सभी तरह के बुनियादी सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है.

मूल शाला भवन जर्जर, एक कक्ष में बैठते हैं 5 कक्षाओं के बच्चे
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सरायपाली ! प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शासन के द्वारा नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं एवं सभी तरह के बुनियादी सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है. विशेष कर शासकीय विद्यालयों में बच्चों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधायें उपलब्ध हो इसके लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है. नि:शुल्क गणवेश, पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ विद्यालयों में अन्य मूलभूत सुविधायें जैसे स्कूल भवन, पेयजल की व्यवस्था एवं शौचालय की उपलब्धता पर भी बल दिया जा रहा है. इसके बावजूद अभी भी कई स्कूल ऐसे हैं जो मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसा ही एक स्कूल शासकीय प्राथमिक शाला बरबसपुर है जहाँ मूल शाला भवन के जर्जर होने के कारण एक अतिरिक्त कक्ष में ही कक्षा 1 से 5 तक की पाँचों कक्षाओं का संचालन हो रहा है। नगर से लगभग 10 किमी दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर ग्राम बरबसपुर में शासकीय प्राथमिक शाला के सभी बच्चें इन दिनों शाला भवन के अभाव में केवल एक ही कक्ष में बैठकर अध्ययन करने के लिए मजबूर हैं. स्कूल की कुल दर्ज संख्या 33 है, जिसमें 14 बालक एवं 19 बालिकायें अध्ययनरत हैं. सन् 1974 से संचालित इस स्कूल की हालत वैसे तो काफी पहले से खराब हो गई थी, जिसके कारण सन् 2007 में अतिरिक्त भवन बनने के बाद से ही कुछ कक्षायें उसमें लग रही थी. लेकिन विगत वर्ष से मूल भवन की स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण सभी कक्षाओं को अतिरिक्त भवन में ही लगाया जा रहा है और कोई दुर्घटना न हो इसके लिए मूल शाला भवन को तोड़ दिया गया है.
समाज के प्रतिभावान बच्चे भी होंगे सम्मानित
सर्व ब्राम्हण समाज सरायपाली के संयोजकत्व में आगामी 8 व 9 अपै्रल को सामूहिक उपनयन संस्कार के परिप्रेक्ष्य में कार्यकारिणी द्वारा विभिन्न निर्णय लिए गए. आगामी 24 मार्च को सिंघोड़ा मंदिर में देवपितृ निमंत्रण सम्पन्न होगा, जिसमें सरायपाली व बसना क्षेत्र के सभी कर्मकाण्डी आचार्यों एवं विप्रजनों को आमंत्रित किया गया है. वहीं 9 अपै्रल को उक्त कार्यक्रम के दौरान सरायपाली विकासखण्ड के ऐसे ब्राम्हण बालक, बालिकाएं जो कक्षा बारहवीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किए हैं एवं जो बच्चे सैनिक अथवा नवोदय विद्यालय के लिए चयनित हुए हैं, उन्हें समाज द्वारा सम्मानित करने के साथ-साथ समाज के वयोवृद्ध सदस्य जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है उन्हें भी सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया. समाज के अध्यक्ष भागीरथी पण्डा ने बताया कि क्षेत्र के प्रतिभावान ब्राम्हण बच्चे जिनका चयन मेडिकल अथवा राष्ट्रीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के लिए हुआ है उन्हें भी समाज के प्रतिष्ठि व्यक्तियों के द्वारा सम्मान किया जाएगा. उन्होने होनहार बच्चों के सम्मान हेतु 2 अपै्रल तक नामांकन करा लेने की अपील उनके पालकों से की है. उक्त जानकारी सचिव चंद्रभानु मिश्र ने दी।
अतिरिक्त कक्ष से भी बरसात में टपकता है पानी
स्कूल के प्रधान पाठक ज्योति प्रकाश भोई ने नवभारत से चर्चा के दौरान बताया कि एक ही कक्ष में पाँचों कक्षाओं के बैठने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अतिरिक्त भवन के लिए पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित कर शिक्षा समिति एवं संकुल समन्वयक के माध्यम से बीआरसीसी को मांग की गई है. लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार की पहल नहीं हुई है. वर्तमान अतिरिक्त भवन भी लगभग 10 वर्ष पुराना है एवं बरसात के दिनों में इसमें से भी पानी टपकता है. अत: विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बहरहाल अभी भी प्रश्न यही उठता है कि यदि एक और अतिरिक्त भवन बन भी जाए तो आखिर दो कमरों में पाँच कक्षायें लगेंगी. ऐसी स्थिति में विद्याथियों की परेशानी का हल निकलना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है.


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