गंगा को लेकर संत और प्रशासन आए आमने - सामने
हरिद्वार में गंगा की रक्षा के लिए प्रशासन और गंगा प्रेमी संतों आमने सामने आ चुके है। धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र

हरिद्वार । हरिद्वार में गंगा की रक्षा के लिए प्रशासन और गंगा प्रेमी संतों आमने सामने आ चुके है। धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। गंगा की रक्षा एवं उसकी निर्मलता बनाए रखने के लिए अपनी मांगो को लेकर संत गोपालदास लगभग 117 दिनों से अनशन कर रहे है, लेकिन उनकी मांगों पर गौर करने की बजाए उनका अनशन तुड़वाने का प्रशासन का प्रयास भी लगातार जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे पहले भी एक गंगा प्रेमी संत प्रो. जी.डी. अग्रवाल अपनी मांगों को लेकर अनशन कर रहे थे 112 दिनों के अनशन के बाद भी सरकार द्वारा उनकी मांगो को पूरा नहीं किया गया। अनशन के दौरान ही प्रो. अग्रवाल को जबरन उठाकर ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उनकी मृत्यु हो गई थी। हरिद्वार के मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द महाराज ने प्रो. अग्रवाल की मृत्यु का जिम्मेदार एम्स अस्पताल एवं प्रशासन को बताया है।
प्रो. अग्रवाल की मृत्यु के बाद उनकी जगह पर हरिद्वार के मातृसदन आश्रम में अनशन कर रहे संत गोपालदास को भी कुछ इसी तरह प्रशासन की तरफ से बार-बार परेशान करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले भी संत गोपालदास बद्रीनाथ, जोशीमठ, श्रीनगर जैसे स्थानो पर अनशन कर चुके है लेकिन सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में असफल रही है।
संत गोपालदास को भी ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया और वहां से मातृ सदन पहुंच कर उन्होंने अपनी अंगुली काटकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति को पत्र लिखा की देश उनके लिए सुऱिक्षत नहीं है इसलिए उन्हें किसी अन्य देश में भेज दिया जाए या उन्हें इच्छा मृत्यु दी जाए ।
संत गोपालदास ने एम्स से लौट कर दोबारा अपना अनशन शुरू किया तो प्रशासन की टीम ने वहां पहुंच कर उन्हें अनशन को समाप्त करने के लिए समझाया। काफी प्रयास के बाद भी जब उन्होंने अनशन को जारी रखने की बात कही तो प्रशासन ने उन्हें जबरन एक बार फिर उठाकर ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती करवा दिया है।
प्रशासन ने संत गोपालदास को जब जबरन उठाया तो मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानन्द आैर हरिद्वार के उपजिलाधिकारी मनीष सिंह के बीच काफी नोकझोंक हुई। स्वामी शिवानन्द ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि संत गोपालदास के प्राणों को कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार एम्स प्रशासन होगा। उन्होंने प्रशासन की इस कार्यवाही को गलत ठहराया है।
स्वामी शिवानन्द ने आरोप लगया कि ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में ही प्रो. अग्रवाल की भी हत्या कि गई थी। संत गोपालदास के लिए एम्स अस्पताल सुरक्षित जगह नहीं हैै। स्वामी शिवानन्द ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही इस कार्यवाही में सुधार नहीं आया तो वह 20 अक्टूबर को अनशन की घोषणा करेंगे।


